दो साल पुराने आत्महत्या के मामले में अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार
By भाषा | Updated: November 4, 2020 12:57 IST2020-11-04T12:57:04+5:302020-11-04T12:57:04+5:30

दो साल पुराने आत्महत्या के मामले में अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार
मुम्बई, चार नवम्बर मुंबई पुलिस ने ‘रिपब्लिक टीवी’ के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को एक 53 वर्षीय इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के दो साल पुराने मामले में बुधवार को गिरफ्तार कर लिया ।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अलीबाग पुलिस की एक टीम ने गोस्वामी को यहां लोअर परेल स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया।
पुलिसकर्मी, गोस्वामी को धकेलते हुए वैन में बैठाते देखे गये।
इस दौरान गोस्वामी ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें अपने साथ ले जाने से पहले उनके घर में, उन पर हमला किया।
अधिकारी ने बताया कि 2018 में एक आर्किटेक्ट और उनकी मां ने कथित तौर पर गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी द्वारा उनके बकाये का भुगतान न किए जाने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
इस वर्ष मई में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आर्किटेक्ट अन्वय नाइक की बेटी अदन्या नाइक की नई शिकायत के आधार पर फिर से जांच का आदेश दिये जाने की घोषणा की थी।
देशमुख ने बताया था कि अदन्या ने आरोप लगाया है कि अलीबाग पुलिस ने गोस्वामी के चैनल द्वारा बकाया भुगतान ना करने के मामले में जांच नहीं की। उसका दावा है कि इस कारण ही उसके पिता और दादी ने मई 2018 में आत्महत्या कर ली थी।
पुलिस ने बताया कि आत्महत्या के मामले में गोस्वामी को रायगढ़ जिले के अलीबाग ले जाया गया है।
वायरल हुए एक वीडियो में गोस्वामी के घर पहुंचे पुलिसकर्मी उनसे यह कहते हुए दिख रहे हैं कि वह उनके साथ शांति से चलें। इस बात पर दोनों के बीच मामूली हाथापाई होती दिख रही है।
वहीं पुलिस वैन से गोस्वामी ने दावा किया कि उनके और उनके बेटे के साथ बदसलूकी की गई और उन्हें उनके ससुरालवालों से भी मिलने नहीं दिया गया।
पुलिस ने बताया कि ‘कॉनकॉर्ड डिज़ाइन्स प्राइवेट लिमिटेड’ के मालिक अन्वय नाइक ने ‘सुसाइड नोट’ में दावा किया था कि गोस्वामी, ‘आईकास्टएक्स/स्कीमीडिया’ के फिरोज शेख और ‘स्मार्ट वर्क्स’ के नितीश सारदा के उसके बकाया पैसों का भुगतान ना करने की वजह से वह आत्महत्या कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ के अनुसार इन तीनों कम्पनियों ने नाइक को क्रमश: 83 लाख रुपये, चार करोड़ रुपये और 55 लाख रुपये देने थे।
पुलिस ने बताया कि ‘सुसाइड नोट’ में जिन अन्य दो लोगों का जिक्र किया गया है, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
बकाये का भुगतान ना करने के दावों पर ‘रिपब्लिक टीवी’ ने एक बयान में कहा कि ‘कॉनकॉर्ड’ को पूरे पैसे दे दिए गए हैं।
इस बीच, सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र में ‘‘प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला है’’ और इससे ‘‘आपातकाल के दिनों’’ की याद आती है।
जावड़ेकर ने ट्वीट किया, ‘‘महाराष्ट्र में प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले की हम निंदा करते हैं। प्रेस के साथ पेश आने का यह तरीका नहीं है। इससे आपातकाल के दिनों की याद आती है, जब प्रेस के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया जाता था।’’
केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने ट्वीट किया, ‘‘ स्वतंत्र प्रेस के पैरोकार लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं, तो वे रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं। आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजरअंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?’’
विधि मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया, ‘‘वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर तौर पर निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है। हमने 1975 में बेरहम आपातकाल का विरोध करते हुए प्रेस की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी।’’
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ साम्प्रदायिक हिंसा भड़काने की कोशिश करने वालों का साथ दे रही कांग्रेस पार्टी की हर साज़िश का भंडाफोड़ करने की सजा अर्नब गोस्वामी को चुकानी पड़ रही है। टुकड़े-टुकड़े गैंग हो या पालघर के हत्यारे, इनको शरण देने वाले कौन है? इसका जवाब सोनिया जी और राहुल गांधी से देश मांग रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ और उसी कांग्रेस पार्टी की इशारों पर नाचने वाली कमजोर सरकार, महाराष्ट्र को आपातकाल की ओर ले जा रही है। प्रेस की आज़ादी की बात करने वाले अब कहां छिप कर बैठे है? आज सारे दोगले चेहरे उजागर हो रहे हैं।