सेना ने 'गलत पहचान' के कारण अरुणाचल प्रदेश में दो नागरिकों को गोली मारी, अब दे रही है 2 लाख रुपये का मुआवजा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 2, 2022 09:53 PM2022-04-02T21:53:52+5:302022-04-02T21:57:10+5:30
सेना द्वारा दो नागरिकों को गोली मारे जाने की घटना के बारे में जानकारी देते हुए तिरप के डीसी तारो मिजे ने बताया कि जिले के चासा गांव के चार लड़कों का एक समूह शुक्रवार शाम मछली पकड़कर घर लौट रहा था। अंधेरा छा जाने के कारण दृश्यता स्पष्ट नहीं थी और सेना ने उन्हें विद्रोही समझकर गलती से गोली मार दी।
तिरप: अरुणाचल प्रदेश के तिरप जिले में शुक्रवार को 'गलत पहचान' के कारण सेना की गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक सेना की ओर से यह घटना पिछले साल दिसंबर में नागालैंड के मोन जिले में सुरक्षाकर्मियों द्वारा किए गए एक असफल सर्च अभियान के दौरान छह नागरिकों के मारे जाने के ठीक चार महीने बाद आई है। इस घटना के संबंध में सेना के सूत्रों ने बताया है कि गोलीबारी में "गलत पहचान" के कारण दो लोग जख्मी हो गये हैं।
सेना के एक अधिकारी ने अपने नाम का खुलासा नहीं करते हुए कहा, “सेना के पास तिपर जिले के एक सघन इलाके में हिंसक विद्रोही आंदोलन के बारे में कुछ इनपुट मिले थे। जिनके आधार पर गोलाबारी की घटना हो गई, जिसमें दो नागरिक घायल हो गये हैं। जिन्हें बेहतर इलाज के लिए असम के डिब्रूगढ़ ले जाया गया। घायल हुए दोनों आदमियों की हालत स्थिर है और डॉक्टर उनकी स्थिति पर बराबर निगाह बनाये हुए हैं।”
सेना की गोलीबारी में घायल हुए दोनों युवाओं की पहचना 28 साल के नोकफ्या वांगदान और 23 साल के रामवांग वांगसु के रूप में हुई है। तिरप के डीसी तारो मिजे ने बताया कि जिले के चासा गांव के चार लड़कों का एक समूह शुक्रवार शाम मछली पकड़कर घर लौट रहा था। अंधेरा छा जाने के कारण दृश्यता स्पष्ट नहीं थी और सेना ने उन्हें विद्रोही समझकर गलती से गोली मार दी।"
उन्होंने कहा, "जब सेना ने फायरिंग की तो लड़के चिल्लाने लगे कि वे सामान्य नागरिक हैं और वो उन्हें गोली नहीं मारें। लेकिन दुर्भाग्यवश चार में से दो लड़के सेना की गोली से घायल हो गए। वर्तमान में दोनों घायलों का असम मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है और दोनों घायल खतरे से बाहर हैं।"
इस मामले में जानकारी देते हुए एएमसीएच के अधीक्षक डॉक्टर प्रशांत दिहिंगिया ने कहा कि दोनों घायलों में से एक को हाथ की हड्डी में गोली लगी है, जबकि दूसरे के पैर के अंगूठे में गोली लगी है।
तिरप के डीसी तारो मिजे ने कहा कि घटना के बाद चासा गांव में स्थिति थोड़ी तनावपूर्ण हो गई थी, लेकिन यह अब स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने कहा, "शुक्रवार को ग्राम प्रधान के घर पर एक बैठक हुई, जिसमें सुरक्षा बलों ने अपनी गलती स्वीकार कर लिया है और प्रत्येक पीड़ित को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने के साथ-साथ उनको रोजगार दिये जाने की संभावना पर भी विचार को सहमति प्रदान की है। जिसके बाद ग्रामीणों ने फैसला किया कि वो सुरक्षाबलों के खिलाफ शिकायत नहीं दर्ज करवाएंगे।"
मालूम हो कि तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग अरुणाचल प्रदेश के उन तीन जिलों में शामिल है, जहां केंद्र ने शुक्रवार को सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम या अफस्पा को बढ़ाया दिया है। अफस्पा सशस्त्र बलों को बिना वारंट के गिरफ्तार करने और यहां तक कि कुछ स्थितियों में मारने के लिए गोली मारने की व्यापक शक्ति देता है।