जम्मू कश्मीर में लापता पायलटों की खोज के लिए सेना ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी

By भाषा | Updated: August 10, 2021 12:39 IST2021-08-10T12:39:52+5:302021-08-10T12:39:52+5:30

Army seeks international help to trace missing pilots in J&K | जम्मू कश्मीर में लापता पायलटों की खोज के लिए सेना ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी

जम्मू कश्मीर में लापता पायलटों की खोज के लिए सेना ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी

जम्मू, 10 अगस्त जम्मू कश्मीर के कठुआ जिला में रंजीत सागर बांध झील में पिछले सप्ताह दुर्घटनाग्रस्त हुए सेना के हेलीकॉप्टर के दो लापता पायलटों की खोज के लिए सेना ने अंतरराष्ट्रीय मदद मांगी है। पायलटों को तलाशने का अभियान मंगलवार को आठवें दिन भी जारी है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

जम्मू में सेना के जनसंपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल देवेंद्र आनंद ने बताया कि पायलटों की तलाश के लिए 60 वर्गमीटर के क्षेत्र को चिह्नित किया गया है और अभियान को अंतिम रूप देने के लिए केरल के कोच्चि से आए विशेष सोनार उपकरण की भी मदद ली जा रही है। सेना का बयान ऐसे वक्त आया है जब लापता पायलटों में से एक के छोटे भाई ने ‘‘बचाव एवं तलाश अभियान की मंद गति’’ को लेकर नाराजगी जताई थी।

लेफ्टिनेंट कर्नल आनंद ने कहा, ‘‘सैन्य अधिकारी हेलीकॉप्टर की खोज के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं जो दो पायलटों के साथ दुर्घटनाग्रस्त होकर रंजीत सागर बांध झील में गिर गया था। बांध 25 किलोमीटर लंबा, आठ किलोमीटर चौड़ा तथा 500 फुट से अधिक गहरा है।’’

उन्होंने कहा कि सेना नौसेना के गोताखोरों की टीम के प्रयासों में समन्वय कर रही है। नौसेना के गोताखोरों की टीम में दो अधिकारी, चार जूनियर कमीशंड अधिकारी (जेसीओ) और अन्य रैंक के 24 अधिकारी शामिल हैं। सेना के विशेष बल के गोताखोरों की टीम में दो अधिकारी, एक जेसीओ और अन्य रैंक के 24 अधिकारी शामिल हैं। इसके अलावा दुर्घटना स्थल पर तलाश अभियान के लिए चंडीगढ़, दिल्ली, मुंबई और कोच्चि से आए अत्याधुनिक मल्टी बीम सोनार उपकरणों, साइड स्कैनरों, सुदूरवर्ती क्षेत्र तक संचालन योग्य वाहन एवं पानी के अंदर इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों की मदद ली जा रही है।

सेना के पीआरओ ने बताया, ‘‘खराब मौसम और बारिश के बावजूद तलाश अभियान जारी है। देश भर से सेना, नौसेना, भारतीय वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), गैर सरकारी संगठनों, राज्य पुलिस, बांध प्राधिकरण और निजी कंपनियों की विशेषज्ञता और उपकरण की मदद ली जा रही है।’’

सैन्य उड्डयन कोर के उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर (एएलएच) ने तीन अगस्त को अपने पायलट और सह-पायलट के साथ पठानकोट के पास मामून सैन्य स्टेशन से उड़ान भरी और अपनी नियमित उड़ान के दौरान झील में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर के सह-पायलट कैप्टन जयंत जोशी के भाई नील जोशी ने खोज और बचाव कार्यों की धीमी गति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, ‘‘हमने अब सारी उम्मीद खो दी है।’’ उन्होंने कई ट्वीट कर कहा कि दुर्घटना को लगभग एक सप्ताह बीत चुका है लेकिन उनके भाई की कोई खबर नहीं है।

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