आर्मी चीफ बिपिन रावत ने CAA के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन पर उठाए सवाल, कहा-छात्र नेताओं ने गलत दिशा में किया भीड़ का नेतृत्व
By स्वाति सिंह | Published: December 26, 2019 12:47 PM2019-12-26T12:47:07+5:302019-12-26T14:29:58+5:30
भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने अपने भाषण में कहा, “नेतृत्व यदि सिर्फ लोगों की अगुवाई करने के बारे में है, तो फिर इसमें जटिलता क्या है। क्योंकि जब आप आगे बढ़ते हैं, तो सभी आपका अनुसरण करते हैं। यह इतना सरल नहीं है।
भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने गुरुवार को नागरितकता संशोधन कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा 'लोगों को भड़काना कोई लीडरशीप नहीं है। यह सच्चा नेतृत्व नहीं है। लीडर वे हैं, जो लोगों और टीम की देखभाल और सुरक्षा करते हैं। सेना को अपनी संस्कृति पर गर्व है। पाकिस्तान की ओर से सीजफायर तोड़ने की घटनाओं पर भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि इसमें नया क्या है?
सेना प्रमुख ने यहां एक स्वास्थ्य सम्मेलन में आयोजित सभा में कहा कि नेता जनता के बीच से उभरते हैं, नेता ऐसे नहीं होते जो भीड़ को “अनुचित दिशा” में ले जाएं।’’ उन्होंने कहा कि नेता वह होते हैं, जो लोगों को सही दिशा में ले जाते हैं। इस महीने की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों द्वारा संशोधित नागरिकता विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद से इस कानून के विरोध में देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं, और कहीं कहीं तो इन प्रदर्शनों ने हिंसक रूप भी ले लिया। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी घायल हुए और कई लोगों की मौत भी हुई। खासतौर से उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में ऐसा देखने को मिला।
#WATCH Army Chief Gen Bipin Rawat: Leaders are not those who lead ppl in inappropriate direction. As we are witnessing in large number of universities&colleges,students the way they are leading masses&crowds to carry out arson&violence in cities & towns. This is not leadership. pic.twitter.com/iIM6fwntSC
— ANI (@ANI) December 26, 2019
रावत ने अपने भाषण में कहा, “नेतृत्व यदि सिर्फ लोगों की अगुवाई करने के बारे में है, तो फिर इसमें जटिलता क्या है। क्योंकि जब आप आगे बढ़ते हैं, तो सभी आपका अनुसरण करते हैं। यह इतना सरल नहीं है। यह सरल भले ही लगता है, लेकिन ऐसा होता नहीं है।’’ उन्होंने कहा, “आप भीड़ के बीच किसी नेता को उभरता हुआ पा सकते हैं। लेकिन नेतृत्व वह होता है, जो लोगों को सही दिशा में ले जाए। नेता वे नहीं हैं जो अनुचित दिशाओं में लोगों का नेतृत्व करते हैं।”
इस समय चल रहे विश्वविद्यालयों और कॉलेज छात्रों के विरोध प्रदर्शनों का हवाला देते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि जिस तरह शहरों और कस्बों में भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया जा रहा है, वह नेतृत्व नहीं है।