मालगाड़ी की सुरक्षा, सामान चोरी और लूटपाट रोकेंगे सशस्त्र कर्मी, रेलवे ने लिया फैसला, सबसे पहले पूर्वी रेल खंड पर 

By भाषा | Updated: January 31, 2020 16:55 IST2020-01-31T16:55:01+5:302020-01-31T16:55:01+5:30

रेलवे की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार सशस्त्र कर्मियों की तैनाती की मंजूरी सबसे पहले आंशिक तौर पर पूर्वी रेल खंड के लिए दी गई है। इस कदम की छह महीने बाद समीक्षा की जाएगी और फिर अन्य खंड पर इस सेवा की शुरुआत का फैसला लिया जाएगा।

Armed personnel will stop security and theft of goods train, railways took decision, first on eastern railway section | मालगाड़ी की सुरक्षा, सामान चोरी और लूटपाट रोकेंगे सशस्त्र कर्मी, रेलवे ने लिया फैसला, सबसे पहले पूर्वी रेल खंड पर 

रेलवे द्वारा जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई।

Highlightsमाल ढुलाई वाली गाड़ियों में सशस्त्र कर्मियों की यात्रा को अनुमति का फैसला किया है।रेल यात्रियों की संख्या में 1.85 प्रतिशत और माल ढुलाई में 5.34 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

मालगाड़ियों की सुरक्षा और उनसे सामान की चोरी एवं लूटपाट रोकने के लिए रेलवे पहली बार निजी एजेंसियों के सशस्त्र कर्मियों की तैनाती करने जा रहा है। रेलवे द्वारा जारी एक आदेश में यह जानकारी दी गई।

रेलवे की ओर से 29 जनवरी को जारी आदेश के अनुसार सशस्त्र कर्मियों की तैनाती की मंजूरी सबसे पहले आंशिक तौर पर पूर्वी रेल खंड के लिए दी गई है। इस कदम की छह महीने बाद समीक्षा की जाएगी और फिर अन्य खंड पर इस सेवा की शुरुआत का फैसला लिया जाएगा।

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी आदेश में कहा गया, ‘‘सक्षम प्राधिकारी ने मार्ग में चोरी एवं लूटपाट की आशंका को देखते हुए माल ढुलाई वाली गाड़ियों में सशस्त्र कर्मियों की यात्रा को अनुमति का फैसला किया है।’’ 

रेल यात्रियों की संख्या में 1.85% की बढ़ोतरी, माल ढुलाई 5.34% बढ़ी

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक वर्ष 2018-19 के दौरान रेल यात्रियों की संख्या में 1.85 प्रतिशत और माल ढुलाई में 5.34 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को वर्ष 2019-20 की आर्थिक समीक्षा को सदन के पटल पर रखा। वह शनिवार को अगले वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आम बजट पेश करेंगी। समीक्षा के मुताबिक 2018-19 के दौरान भारतीय रेलवे ने 120 करोड़ टन माल ढुलाई की और 840 करोड़ यात्रियों को उनकी मंजिल तक पहुंचाया।

इसके साथ ही भारतीय रेलवे दुनिया की सबसे बड़ी यात्री वाहक और चौथी सबसे बड़ी मालवाहक है। समीक्षा में कहा गया है, “2018-19 के दौरान रेलवे ने 12,215 लाख टन माल ढुलाई की, जबकि 2017-18 के दौरान ये आंकड़ा 11,596 लाख टन था। इस तरह इसमें 5.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।” समीक्षा में कहा गया, “यात्रियों की संख्या 2018-19 में 84,390 लाख रही, जो 2017-18 में 82,858 थी। इस तरह इसमें पिछले साल के मुकाबले 1.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।”

इसमें कहा गया कि रेलवे की सबसे बड़ी प्राथमिकता सुरक्षा थी और दुर्घटना रोकने के लिए लगातार उपाए किए गए और यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाया गया। इन उपायों के चलते 2018-19 के दौरान उल्लेखनीय रूप से रेल दुर्घटनाओं की संख्या 73 से घटकर 59 रह गई।

अप्रैल-अक्टूबर 2019 के दौरान 41 बड़ी रेल दुर्घटनाएं हुईं। इसके अलावा रेलवे स्टेशनों की साफ-सफाई पर भी खासतौर से ध्यान दिया गया। इस रेल डिब्बों में 2.26 लाख बायो शौचालय लगाए गए, 215 स्टेशनों को बोतल नष्ट करने की मशीनें दी गईं और साफ-सफाई के लिए 642 करोड़ रुपये दिए गए। समीक्षा के मुताबिक 75 रेलवे स्टेशनों को ईएमएस (पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली) (आईएसओ: 14001) प्रमाणपत्र मिले हैं।

Web Title: Armed personnel will stop security and theft of goods train, railways took decision, first on eastern railway section

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