अपोलो अस्पताल के चेयरमैन का बयान, जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं, तब सारे CCTV कैमरे थे बंद

By भारती द्विवेदी | Published: March 22, 2018 06:31 PM2018-03-22T18:31:16+5:302018-03-22T18:31:16+5:30

प्रताप सी रेड्डी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अस्पताल ने जयललिता की मौत की जांच कर रहे न्यायाधीश ए अरुमुघस्वामी आयोग को सभी संबंधित दस्तावेज सौंप दिए हैं।

Apollo Hospital chairman says when Jayalalitha was admitted in hospital all cctv cameras were shutdown | अपोलो अस्पताल के चेयरमैन का बयान, जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं, तब सारे CCTV कैमरे थे बंद

अपोलो अस्पताल के चेयरमैन का बयान, जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं, तब सारे CCTV कैमरे थे बंद

नई दिल्ली, 22 मार्च: तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। अपोलो अस्पताल के चैयरमैन प्रताप सी रेड्डी ने कहा है कि जब जयललिता अस्पताल में भर्ती थीं, तब अस्पताल के सभी सीसीटीवी कैमरा बंद थे। उन्होंने आगे कहा- 'दुर्भाग्य से सीसीटीवी कैमरा बंद था। जयललिता की देखरेख के लिए एक पूरा आईसीयू उनके अधीन था। जिसकी वजह से अस्पताल की तरफ से सारे फुटेज हटा दिए गए थे। क्योंकि हर कोई उनको देखना चाहता था और अम्मा नहीं चाहती थीं कि कोई भी ये देखे।'

प्रताप सी रेड्डी ने अस्पताल के नियमों का हवाला देते हुए बताया- 'हम अस्पताल में एक साधारण नीति का पालन करते हैं। आईसीयू में भर्ती होने वाले मरीज के करीबियों को ही थोड़ी देर के लिए मरीज से मिलने की अनुमति होती है। इसके अलावा किसी और को यह अनुमति नहीं दी जाती है। चूंकि उनकी हालत गंभीर थीं, हमने अनुमति नहीं दी। लेकिन रिश्तेदारों के पास कुछ लोगों से पूछने का विकल्प जरूर था जिसकी अनुमति ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर द्वारा दी जा सकती थी।'

अस्पताल के चेयरमैन के इस बयान के बाद टीटीवी दिनाकरन ने सफाई देते हुए कहा है- 'हमें परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। ये अस्पताल के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है कि वो बताएं कि उन्होंने सीसीटीवी कैमरा क्यों बंद किया था।'


दरअसल जयललिता जब अस्पताल में जब भर्ती थीं, तब शशिकला और टीटीवी दिनाकरन ही उनकी देखरेख के लिए उनके पास थे।दिनाकरन ने हाल ही में आर के नगर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। इस सीट पर पहले जयललिता विधायक थीं।

पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की मौत चेन्नई के अपोलो अस्पताल में 75 दिन तक भर्ती थीं। 6 दिसंबर 2016 को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इससे पहले वह लंबे समय अस्पताल में रही थीं। तमिलनाडु सरकार ने मद्रास हाई कोर्ट के आदेश पर मौत की जांच के लिए आयोग का गठन किया है। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज ए. अरुमुघास्वामी को जांच का जिम्मा दिया गया है। वह जयललिता की मौत से पहले के सारे हालात पर गौर करेंगे और व्यापक जांच के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेंगे।

बता दें कि 12 मार्च को शशिकला ने 55 पेज का एक एफिडेबिट दाखिल किया है। उस एफिडेबिट में शशिकला ने जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने वाले घटनाक्रम को बताया है। जयललिता की मौत की जांच कर रहे ए. अरुमुघस्वामी आयोग के सामने दायर शपथ पत्र में शशिकला ने कहा है-  '22 सितंबर, 2016 की रात जयललिता बाथरूम में थीं तो उन्होंने अपनी खराब तबीयत के बारे में कहा। जिसके बाद शशिकला ने पूर्व मुख्यमंत्री को उनके बिस्तर तक पहुंचने में मदद की, जहां वह रात 9.30 बजे बेहोश हो गईं थीं। इसके बाद शशिकला के रिश्तेदार केएस शिवकुमार, एक डॉक्टर, दो व्यक्तिगत सुरक्षा अधिकारी और एक ड्राइवर तुरंत मदद के लिए बुलाया जाने के बाद पहली मंजिल पर पहुंचे। जल्द ही, अपोलो हॉस्पिटल के उपाध्यक्ष प्रीता रेड्डी के पति, विजय कुमार रेड्डी को फोन किया गया, जिसके बाद दो एंबुलेंस पोस गार्डन भेजी गईं।

Web Title: Apollo Hospital chairman says when Jayalalitha was admitted in hospital all cctv cameras were shutdown

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