राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से कर दिया था इनकार, जानें डॉ अब्दुल कलाम के जीवन की कुछ अनसुनी बातें

By स्वाति सिंह | Published: July 27, 2018 07:45 AM2018-07-27T07:45:21+5:302018-07-27T07:45:21+5:30

APJ abdul kalam Death anniversary special: साल 2002 में कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपना जीवन बहुत ही साधारण तरीके से व्यक्त किया है। 

APJ abdul kalam Death anniversary special known facts, biography, family life | राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठने से कर दिया था इनकार, जानें डॉ अब्दुल कलाम के जीवन की कुछ अनसुनी बातें

APJ abdul kalam Death anniversary special known facts, biography, family life

भारत के 11वें राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 जन्म दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। उनका पूरा नाम अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम था। डॉ कलाम के पिता मछुआरों  के लिए नाव बनाने और बेचने की काम करते थे। अचानक घर की परिस्थिति खराब होने के कारण उन्हें बचपन में ही अखबार बेचना पड़ा था। शुरू से ही कलाम शानदार छात्र रहे थे। बचपन से ही वह अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति बेहद रुचि रखते थे। बाद में कलाम ने लड़ाकू विमान के लिए होने वाली परीक्षा में भाग लिया लेकिन वह चूक गए क्योंकि कुल भर्तियों की संख्या 8 थी और वो 9 नंबर पर थे। मद्रास स्कूल ऑफ़ प्रेसिडेंसी से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने साल 1969 में डीआरडीओ में बतौर वैज्ञानिक ज्वाइन किया। इसके बाद कलाम ने इसरो (ISRO) में काम करना शुरू कर दिया। कलाम साहब ने मशहूर अंतरिक्ष वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के साथ भी काम किया है। 

आपको बता दें कि पोखरण परमाणु टेस्ट में अब्दुल कलाम ने एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई थी। पोखरण में हुए इस टेस्ट में दुनिया भर की ताकत विरोध कर रही थी लेकिन फिर भी इस परीक्षण की सफलता ने कलाम को पूरे देश का हीरो बना दिया था। साल 2002 में कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपना जीवन बहुत ही साधारण तरीके से व्यक्त किया है। 

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थुंबा में अपने साथ काम करे कर्मचारियों के बच्चों को कलाम साहब प्रदर्शनी दिखाने के लिए ले गए थे, क्योंकि कर्मचारी ने अपने बच्चों से घुमाने ले जाने का वादा किया था लेकिन काम की व्यस्तता की वजह से भूल गया था। वहीं, एक बार जब उन्हें आईआईटी वाराणसी के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। तब उन्हें वहां दूसरे लोगों के मुकाबले बड़ी कुर्सी पर बैठने को कहा गया था। लेकिन डॉ कलाम इस बात से इनकार कर अन्य लोगों की तरह समान्य कुर्सी पर ही बैठे। राष्ट्रपति रहने के दौरान  बहुत नौजवानों के साथ विज्ञान के बारे में चर्चाएं करते थे जिससे वह लोकप्रिय बन गए। उनकी लोकप्रियता का इतना इजाफा हुआ कि वह 'यूथ आइकन' बन गए। इसके साथ ही कलाम को 'लोगों के राष्ट्रपति' के तौर पर भी जाना जाता है। 

अपने जीवन में डॉ कलाम ने बहुत से समाज कल्याण का काम किए हैं। वे हमेशा छात्रों से जुड़े रहकर उन्हें देश के भविष्य में सहयोगी होने का संदेश देते थे। भारत को मिसाइल टेक्नोलॉजी में विश्व स्तरीय बनाना इनकी ही देन है। कलाम को 1981 में भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, पद्म भूषण और फिर, 1990 में पद्म विभूषण से नवाजा था। इसके बाद 1997 में उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार भारत रत्न से नवाजा गया।  27 जुलाई 2015 में आईआईएम शिलोंग में लेक्चर देने के दौरान इस महान पुरुष का निधन हो गया। दिलों के धड़कन मैं राज करने वाले राष्ट्रपति इस दुनिया को अलविदा कर गए थे। 

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English summary :
APJ abdul kalam Death Anniversary: In 2002, Kalam took oath as India's 11th President. Even after becoming President, he was live his life in a very simple manner.


Web Title: APJ abdul kalam Death anniversary special known facts, biography, family life

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