शीर्ष अदालतने मेडिकल दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को खारिज किया

By भाषा | Published: September 24, 2021 07:08 PM2021-09-24T19:08:47+5:302021-09-24T19:08:47+5:30

Apex Court quashes Madras High Court's comment on EWS reservation in medical admissions | शीर्ष अदालतने मेडिकल दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को खारिज किया

शीर्ष अदालतने मेडिकल दाखिले में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर मद्रास उच्च न्यायालय की टिप्पणी को खारिज किया

नयी दिल्ली, 24 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मद्रास उच्च न्यायालय के उस निर्देश को निरस्त कर दिया कि मेडिकल कॉलेजों की अखिल भारतीय कोटा (एआईक्यू) सीटों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण लागू करने से पहले केंद्र को शीर्ष अदालत की मंजूरी लेनी चाहिए।

न्यायालय ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह 25 अगस्त को पारित उच्च न्यायालय के समूचे आदेश को रद्द नहीं कर रहा है या इसके गुण-दोष पर कोई राय नहीं रख रहा है बल्कि ईडब्ल्यूएस कोटा पर शीर्ष अदालत की मंजूरी के संबंध में की गई टिप्पणियों को खारिज कर रहा है।

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक पार्टी की अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान इस तरह की राय व्यक्त नहीं करनी चाहिए थी और उसने अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन किया है।

पीठ ने कहा, ‘‘मद्रास उच्च न्यायालय ने केंद्र को पांच न्यायाधीशों की पीठ की मंजूरी लेने के लिए कहा है जो 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस कोटा प्रदान करने वाले 103वें संवैधानिक संशोधन की वैधता के लिए की गई चुनौती पर सुनवाई करेगी।’’

पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए अपने अधिकार क्षेत्र का उल्लंघन नहीं कर सकता। शीर्ष अदालत ने मद्रास उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ केंद्र की अपील का निपटारा कर दिया।

पीठ ने कहा कि वह मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए नीट दाखिले में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाली केंद्र की 29 जुलाई की अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सात अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

शीर्ष अदालत ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज को छह अक्टूबर तक याचिकाओं पर एक संयुक्त जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और कहा कि वह इस मामले की सुनवाई सात अक्टूबर को करेगी।

केंद्र ने 29 जुलाई को स्नातक और स्नातकोत्तर चिकित्सा, दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों (एमबीबीएस, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, बीडीएस, एमडीएस) के लिए अखिल भारतीय कोटा कार्यक्रम में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने का निर्णय लिया था।

पूर्व के आदेशों की तामील नहीं होने के लिए केंद्र के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) पार्टी की अवमानना याचिका का निपटारा करते हुए 25 अगस्त को मद्रास उच्च न्यायालय ने एआईक्यू के तहत केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए ओबीसी उम्मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के संबंध में अधिसूचना को मंजूरी दे दी थी।

हालांकि, उच्च न्यायालय ने कहा था कि ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण के माध्यम से और 10 प्रतिशत को शामिल करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की आवश्यकता होगी और 29 जुलाई की अधिसूचना के अनुरूप ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षण को ऐसी स्वीकृति प्राप्त होने तक अस्वीकार्य माना जाना चाहिए। केंद्र ने उच्च न्यायालय की इस टिप्पणी के खिलाफ तीन सितंबर को शीर्ष अदालत में याचिका दायर की थी।

उच्च न्यायालय ने एआईक्यू के तहत केंद्रीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए ओबीसी उम्मीदवारों को 27 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाली केंद्र की अधिसूचना को मंजूरी दे दी थी। हालांकि, उच्च न्यायालय तमिलनाडु के लिए और अधिक आरक्षण के संबंध एक याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि राज्यों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डिप्लोमा चिकित्सा और दंत चिकित्सा पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एआईक्यू सीटों का आरक्षण एक समान होना चाहिए।

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Web Title: Apex Court quashes Madras High Court's comment on EWS reservation in medical admissions

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