किसान आंदोलन के बीच अन्ना हजारे का ऐलान, कल से शुरू कर रहे हैं अनशन, जानिए क्या है मांग
By विनीत कुमार | Published: January 29, 2021 09:43 AM2021-01-29T09:43:45+5:302021-01-29T09:44:56+5:30
किसानों के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराए जाने की मांग को लेकर अन्ना हजारे ने अनशन करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वे 2018 से सरकार से इस संबंध में बात कर रहे हैं लेकिन उनकी मांगों को तवज्जों नहीं दिया गया।
सामाजिक कार्यकर्ता और गांधीवादी अन्ना हजारे ने ऐलान किया है कि वे 30 जनवरी से भूख हड़ताल शुरू करने जा रहे हैं। अन्ना हजारे ने कहा है कि वे महाराष्ट्र के अहमदनगर के रालेगण सिद्धि में ही किसानों की कई मांगों को लेकर अनशन शुरू करेंगे। दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन के बीच अन्ना हजारे का अनशन सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
बहरहाल, अन्ना हजारे ने बयान जारी करते हुए अपने समर्थकों से ये भी अपील की है कि वे जहां पर हैं वहीं इस प्रदर्शन का हिस्सा बनें। अन्ना हजारे ने अपने बयान में किसान आंदोलन का भी जिक्र किया और कहा कि 26 जनवरी को जो हिंसा हुई उससे वे दुखी हैं। उन्होंने कहा कि शांति किसी भी आंदोलन की शक्ति होती है।
अन्ना हजारे की क्या है मांग
84 साल के अन्ना हजारे के अनुसार वे 2018 से केंद्र सरकार से स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू कराए जाने की विनती कर रहे हैं लेकिन सरकार ने भरोसा दिलाने के बाद भी इसे तवज्जो नहीं दिया है।
इस बीच खबरों के अनुसार अन्ना के अनशन को रोकने और उन्हें मनाने के लिए केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी रालेगण सिद्दधि पहुंच रहे हैं।
Social activist Anna Hazare says he will begin a protest over various demands related to farmers in Ralegan Siddhi in Ahmednagar, Maharashtra from January 30; urges supporters to protest at their respective locations. pic.twitter.com/cOXLEnnGEj
— ANI (@ANI) January 28, 2021
इससे पहले हाल में सीनियर बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व विधानसभा स्पीकर हीराभाऊ बागड़े ने अन्ना हजारे से मुलाकात की थी और नए कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी थी।
अन्ना हजारे की समर्थकों से अपील
अन्ना हजारे ने अपने अनशन को लेकर विशेष तौर पर अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अन्ना हजारे ने कहा, 'मैं हमेशा अहिंसात्मक और शांतिपूर्ण आंदोलन चाहता हूं। पिछले 40 साल में मैंने कई बार आंदोलन किए हैं। 2011 में दिल्ली में जो लोकपाल आंदोलन हुआ उसमें देश की लाखों की संख्या में जनता शामिल हुई लेकिन किसी ने एक पत्थर तक नहीं उठाय़ा। शांति किसी भी आंदोलन की शक्ति है। ये गांधी जी ने हमें सिखाया है।'