नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी अपने बेटे अनिल एंटनी के भाजपा में शामिल होने के फैसले से आहत हैं। उन्होंने गुरुवार को इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनिल के भाजपा में शामिल होने के फैसले ने मुझे आहत किया है। यह बहुत ही गलत फैसला है।
उन्होंने कहा कि वह कभी भी बीजेपी और उसके वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा का समर्थन नहीं करेंगे, जिस पर उन्होंने देश को विभाजित करने और लोकतंत्र की नींव को कमजोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी और नेहरू-गांधी परिवार के प्रति वफादार थे, जिसे उन्होंने भारत को एकजुट रखने और इसकी विविधता का सम्मान करने का श्रेय दिया।
एंटनी ने कहा, "मैं अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हूं और नहीं जानता कि मैं कब तक जीवित रहूंगा। लेकिन जब तक मैं रहूंगा, मैं कांग्रेस के लिए जीवित रहूंगा।" उन्होंने कहा कि भारत का आधार एकता और धार्मिक सद्भाव है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, 2014 के बाद, मोदी सरकार सत्ता में आई, वे व्यवस्थित रूप से विविधता और धर्मनिरपेक्षता को कमजोर कर रहे हैं।
दरअसल, गुरुवार को अनिल एंटनी ने कांग्रेस को झटका देते हुए भाजपा के स्थापना दिवस पर दिल्ली के पार्टी मुख्यालय में भगवा पार्टी में शामिल हो गए। अनिल एंटनी बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस नेताओं पर एक खास परिवार के लिए काम करने का आरोप लगाया।
एंटनी ने कहा, कांग्रेस के बहुत से नेता मानते हैं कि उनका धर्म एक खास परिवार के लिए काम करना है, लेकिन मेरा मानना है कि मेरा धर्म लोगों के लिए काम करना है। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की। गौरतलब है कि अनिल ने इसी साल जनवरी महीने में कांग्रेस पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था।
कांग्रेस के पूर्व नेता ने गुजरात में 2002 में हुए दंगों पर आधारित बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को भारतीय संस्थानों के विचारों से अधिक महत्व दिए जाने को खतरनाक चलन बताते हुए कहा था कि इससे देश की संप्रभुता प्रभावित होगी। इस प्रतिक्रिया के बाद उन्हें कांग्रेस के भीतर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा था।