लाइव न्यूज़ :

एक साल बाद आज जेल से रिहा हो सकते हैं अनिल देशमुख, अदालत ने सीबीआई की एक और अर्जी ठुकराई

By भाषा | Updated: December 28, 2022 09:55 IST

उच्च न्यायालय ने देशमुख को जमानत देते हुए कहा था कि सीबीआई ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के बयान के अलावा कोई बयान दर्ज नहीं किया, जिससे इस बात के संकेत मिले कि राकांपा नेता के कहने पर मुंबई में बार मालिकों से पैसा वसूला जा रहा था। एक विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले महीने देशमुख की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी...

Open in App
ठळक मुद्देसीबीआई ने इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।वह इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं।गृह मंत्री देशमुख पर पुलिस अधिकारियों को मुंबई के रेस्तरांओं और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य देने का आरोप लगा है।

मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को जमानत देने के आदेश पर रोक बढ़ाने से इनकार कर दिया है, जिसके बाद उनके आज यानी बुधवार को जेल से बाहर आने की संभावना है।

न्यायमूर्ति एम. एस. कार्णिक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के 73 वर्षीय नेता को 12 दिसंबर को जमानत दी थी, लेकिन सीबीआई ने इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने के लिए समय मांगा था और अदालत ने आदेश पर 10 दिन के लिए रोक लगा दी थी।  जांच एजेंसी ने न्यायालय का रुख किया, लेकिन उसकी अपील पर जनवरी 2023 में ही सुनवाई हो सकेगी, क्योंकि अदालत में शीतकालीन अवकाश है। उच्च न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीबीआई के अनुरोध पर जमानत आदेश पर रोक को 27 दिसंबर तक बढ़ा दिया था। जांच एजेंसी ने मंगलवार को एक बार और रोक बढ़ाने का अनुरोध किया था।

देशमुख के वकील अनिकेत निकम और इंद्रपाल सिंह ने दावा किया कि सीबीआई उच्च न्यायालय के पहले के आदेश को विफल करने का प्रयास कर रही है, जिसमें कहा गया था कि किसी भी परिस्थिति में इसे और नहीं बढ़ाया जाएगा। उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ ने दलीलों पर सुनवाई के बाद कहा था, ‘‘आगे और समय नहीं बढ़ाया जा सकता।’’ उनके वकीलों ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि अदालत ने स्थगन बढ़ाने से इनकार किया है, इसलिए उन्हें बुधवार को जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

उच्च न्यायालय ने देशमुख को जमानत देते हुए कहा था कि सीबीआई ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के बयान के अलावा कोई बयान दर्ज नहीं किया, जिससे इस बात के संकेत मिले कि राकांपा नेता के कहने पर मुंबई में बार मालिकों से पैसा वसूला जा रहा था। एक विशेष सीबीआई अदालत ने पिछले महीने देशमुख की जमानत अर्जी खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया। वह नवंबर 2021 से जेल में हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें कथित धनशोधन मामले में गिरफ्तार किया था।

सीबीआई ने इस साल अप्रैल में भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था। देशमुख ने अपने खिलाफ लगाये गये आरोपों से इनकार किया है। वह इस समय मुंबई की आर्थर रोड जेल में न्यायिक हिरासत में हैं। उच्च न्यायालय ने उन्हें अक्टूबर में ईडी के मामले में जमानत दे दी थी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने मार्च 2021 में आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिस अधिकारियों को मुंबई के रेस्तरांओं और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये वसूलने का लक्ष्य दिया था।

टॅग्स :अनिल देशमुखमहाराष्ट्र
Open in App

संबंधित खबरें

भारतMaharashtra Civic Poll 2025 UPDATE: पूरे राज्य में मतगणना स्थगित, 21 दिसंबर को नए नतीजे की तारीख तय, सीएम फडणवीस ‘त्रुटिपूर्ण’ प्रक्रिया पर जताई नाराजगी

भारतMaharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र निकाय चुनाव के लिए वोटिंग शुरू, भाजपा और शिवसेना के बीच मुकाबला

भारतMaharashtra Local Body Polls 2025: राज्य के 242 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को मतदान, 3 को होगी मतगणना

भारतमहाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आखिरी समय में नगर निगम चुनाव टालने के लिए चुनाव आयोग की आलोचना की | VIDEO

भारतMaharashtra: सत्तारूढ़ महायुति में दरार की खबरों के बीच, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे का नगर निगम चुनावों से पहले सहयोगियों को 'गठबंधन धर्म' का संदेश

भारत अधिक खबरें

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट