असम में बीपीएफ के नाराज मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए

By भाषा | Published: December 13, 2020 08:15 PM2020-12-13T20:15:34+5:302020-12-13T20:15:34+5:30

Angry BPF ministers in Assam did not attend cabinet meeting | असम में बीपीएफ के नाराज मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए

असम में बीपीएफ के नाराज मंत्री कैबिनेट की बैठक में शामिल नहीं हुए

गुवाहाटी, 13 दिसंबर भाजपा द्वारा रविवार को बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद में अपने सहयोगी बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) का साथ छोड़ कर उसके प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) से हाथ मिलाने के कुछ ही घंटों बाद मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बीपीएफ के तीनों मंत्री बिना किसी सूचना के शामिल नहीं हुए।

भाजपा की अगुवाई वाली असम सरकार में बीपीएफ के तीन कैबिनेट मंत्री हैं। उनमें प्रमिला रानी ब्रह्मा, चंदन ब्रह्मा और रिहान दैमारी शामिल हैं।

संसदीय कार्य मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने संवाददाताओं से कहा, "बीपीएफ के तीन मंत्री अनुपस्थित थे। हमें नहीं पता है कि वे मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल क्यों नहीं हुए।"

उन्होंने कहा कि सरकार यह जानने की कोशिश करेगी कि तीनों मंत्री कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित क्यों थे, जिसमें राज्य के सभी सरकारी मदरसों और संस्कृत स्कूलों को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

असम सरकार के प्रवक्ता पटवारी ने कहा, "तीनों मंत्रियों के ‘नेम प्लेट’ उनकी सीटों पर थे। उन्होंने हमें अपनी अनुपस्थिति के बारे में सूचित नहीं किया।"

बीपीएफ 17 सीटों के साथ 40 सदस्यीय बोडोलैंड क्षेत्रीय परिषद (बीटीसी) के चुनाव परिणाम में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। यूपीपीएल ने 12 और भाजपा ने नौ, जबकि गण सुरक्षा पार्टी (जीएसपी) और कांग्रेस ने एक-एक सीट हासिल की है।

भाजपा ने राज्य के बोडो बहुल क्षेत्रों में स्व-शासी निकाय बीटीसी में शासन करने के लिए जरूरी बहुमत हासिल करने के मकसद से अपने गठबंधन के वर्तमान सहयोगी बीपीएफ को छोड़ रविवार को नए सहयोगी दल से हाथ मिला लिया। इसके साथ ही भाजपा ने एक तरह से बीपीएफ का साथ छोड़ दिया।

एक संवाददाता सम्मेलन में सोनोवाल ने घोषणा की कि भाजपा, यूपीपीएल और जीएसपी ने बीटीसी के लिए हाथ मिलाया है।

गौरतलब है कि भाजपा ने बीपीएफ और असम गण परिषद (अगप) के साथ मिलकर 2016 का विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था।

वर्तमान में भाजपा 60 विधायकों के साथ 126 सदस्यीय असम विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि बीपीएफ और अगप के क्रमशः 14 और 12 विधायक हैं।

असम में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

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Web Title: Angry BPF ministers in Assam did not attend cabinet meeting

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