आंध्र प्रदेश ने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने का अनुरोध किया
By भाषा | Updated: November 23, 2021 22:34 IST2021-11-23T22:34:46+5:302021-11-23T22:34:46+5:30

आंध्र प्रदेश ने केंद्र सरकार से जातीय जनगणना कराने का अनुरोध किया
अमरावती, 23 नवंबर आंध्र प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसके अनुसार, केंद्र सरकार से अनुरोध किया गया है कि 2021 की आम जनगणना में अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यकों के साथ सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग की जातीय जनगणना भी की जाए।
पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री एस वेणुगोपाल कृष्ण ने प्रस्ताव पेश किया जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में कहा गया, “भारत के संविधान में जिस न्यायपूर्ण और समतावादी समाज की कल्पना की गई है ऐसा समाज बनाने के लिए यह आवश्यक है कि कल्याणकारी कदम उठाने के लिए सभी पिछड़े समुदायों की गणना की जाए। सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग के लाभ के लिए संविधान के विभिन्न प्रावधानों को लागू करने के वास्ते जातीयगणना की जानी चाहिए।”
मंत्री ने कहा कि अंग्रेजों के शासन में 1931 में जातीय जनगणना की गई थी। उन्होंने कहा, “देश की जनसंख्या चार गुना से ज्यादा बढ़कर 130 करोड़ के आसपास हो चुकी है इसलिए अब चीजें पूरी तरह बदल गई हैं। जातीय जनगणना 90 साल तक नहीं होने से 1931 में प्राप्त आंकड़े ही अब भी इस्तेमाल किये जा रहे हैं और उन्हें वार्षिक तथा दशक में एक बार होने वाली वृद्धि के साथ प्रदर्शित किया जाता है। प्रदर्शित किये जाने वाले आंकड़ों पर निर्भर होना एक बिंदु के बाद उचित नहीं है।
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