आंध्र प्रदेश: गरीबी के कारण नवजात बच्चों को बेचने पर मजबूर मांएं, दो मामलों पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, जवाब मांगा

By विशाल कुमार | Published: April 7, 2022 09:57 AM2022-04-07T09:57:35+5:302022-04-07T10:01:11+5:30

एक बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि इससे पहले हमने निःसंतान दंपत्तियों द्वारा अवैध रूप से गोद लेने और बच्चे खरीदने के मामले देखे हैं। लेकिन अब राज्य में कुछ गिरोहों द्वारा शिशुओं को बाजार में बिक्री के लिए रखा जाता है। यह दयनीय है।

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आंध्र प्रदेश: गरीबी के कारण नवजात बच्चों को बेचने पर मजबूर मांएं, दो मामलों पर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, जवाब मांगा

Highlightsएक जैविक माता-पिता ने 1 लाख रुपये के बदले में एक तीन दिन के बच्चे को बेच दिया। एक मजदूर ने अपनी तीसरी बेटी (दो महीने की बच्ची) को 70,000 रुपये में बेच दिया।आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने दो बच्चों को बेचे जाने के मामलों का स्वत: संज्ञान लिया है।

हैदराबाद:आंध्र प्रदेश में गरीबी के कारण कुछ महिलाओं को अपने बच्चों को बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। पिछले तीन या चार दिनों में एलुरु और मंगलागिरी में दर्ज दो मामलों में, महिलाओं ने बयान दिया कि उनके परिवार के सदस्यों ने देखभाल करने में असमर्थ बच्चों को बेच दिया।

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, एक बाल संरक्षण अधिकारी ने कहा कि इससे पहले हमने निःसंतान दंपत्तियों द्वारा अवैध रूप से गोद लेने और बच्चे खरीदने के मामले देखे हैं। लेकिन अब राज्य में कुछ गिरोहों द्वारा शिशुओं को बाजार में बिक्री के लिए रखा जाता है। यह दयनीय है।

आंध्र प्रदेश-तेलंगाना सीमा पर एक गांव असवरोपेट के एक निजी अस्पताल में जैविक माता-पिता ने 1 लाख रुपये के बदले में एक तीन दिन के बच्चे को बेच दिया। रैकेट के केंद्र में एक पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (आरएमपी) था।

बच्चे के पिता, गंता अरुण कुमार और दादी गंता मैरी ने कथित तौर पर नवजात को आरएमपी को 2 लाख रुपये में बेच दिया। फिर बच्चे को विशाखापत्तनम के एक दंपति को 3 लाख रुपये में बेच दिया गया। बच्चे को आखिरकार एक अनकपल्ली दंपत्ति को 5 लाख रुपये में बेच दिया गया।

पुलिस उपाधीक्षक जे. रामबाबू ने कहा कि इस बीच, गुंटूर जिले के मंगलागिरी के एक मजदूर मेदाबलिमी मनोज ने अपनी तीसरी बेटी (दो महीने की बच्ची) को तेलंगाना के नलगोंडा जिले के मेगावथ गायत्री को 70,000 रुपये में बेच दिया।

गायत्री ने कथित तौर पर नालगोंडा जिले के लंबाडा देवला थंडा के भुक्य नंदू को 1.20 लाख रुपये में बच्चे को बेच दिया। नंदू ने बच्ची को हैदराबाद के दिलसुखनगर के शेख नूरजहां को 1.87 लाख रुपये में बेच दिया। बदले में उन्होंने बच्चे को नारायणगुडा, हैदराबाद की बोम्मदा उमादेवी को दे दिया। फिर से शिशु को विजयवाड़ा के पडाला श्रावणी को 2 लाख रुपये में बेच दिया गया। श्रावणी ने बच्चे को विजयवाड़ा के गोलापुडी के मूल निवासी गरिकमुक्कू विजया लक्ष्मी को 2.20 लाख रुपये में बेच दिया।

आखिर में विजया लक्ष्मी ने बच्चे को एलुरु के वार्रे रमेश को  2.50 लाख रुपये में बेच दिया। पुलिस ने मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।

एक अन्य मामले में, डेंडुलुरु मंडल की स्वाति नामक एक महिला ने आरोप लगाया है कि तुनी के एक जोड़े ने उसकी बेटी को 1 लाख रुपये में खरीदा। कलेक्टर ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

भीमावरम पुलिस ने मामला दर्ज किया है जब एक नवजात शिशु को हैदराबाद के एक जोड़े द्वारा 30,000 रुपये में बेचा गया था।

इस बीच, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने मंगलागिरी और अश्वरावपेट में हुए दो बच्चों को बेचे जाने के मामलों का स्वत: संज्ञान लिया और अधिकारियों को गुरुवार तक मामलों का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

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