आंध्र प्रदेश मंत्रिमंडलः जगन सरकार में पांच उप मुख्यमंत्री, तानेती वनिता को गृह मंत्री बनाया, विभागों का बंटवारा, यहां देखें लिस्ट
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 11, 2022 08:17 PM2022-04-11T20:17:37+5:302022-04-11T20:18:45+5:30
आंध्र प्रदेश के राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने राजधानी अमरावती में राज्य सचिवालय के पास एक सार्वजनिक समारोह में मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
अमरावतीः आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया, जिसमें 13 नए चेहरों को शामिल किया गया और 11 लोगों को फिर से मौका दिया गया है। वरिष्ठ विधायक धर्मना प्रसाद राव को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। वह मंत्रिमंडल में शामिल किए गए सबसे वरिष्ठ मंत्री हैं।
मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी के पुनर्गठित मंत्रिमंडल में 20 अन्य मंत्रियों के साथ पांच साथ पांच उप मुख्यमंत्री बने रहेंगे। नये मंत्रिमंडल में पांच उप मुख्यमंत्रियों में एक मुस्लिम, एक अनुसूचित जाति से, एक अनुसूचित जनजाति से, एक पिछड़े वर्ग से और एक उच्च कापू जाति से हैं।
जगन मोहन रेड्डी ने दूसरी बार गृह विभाग दलित महिला को ही दिया है। हालांकि, इस बार गृह मंत्री दूसरी उप-जाति से हैं। पहले महिला और बाल विकास विभाग को संभाल रहीं तानेती वनिता को गृह मंत्री बनाया गया है। जगन ने सोमवार को राज्य मंत्रिमंडल का पुनर्गठन किया और 13 नये चेहरों के साथ ही पिछली टीम के 11 मंत्रियों पर विश्वास जताया।
राज्यपाल बिस्व भूषण हरिचंदन ने अमरावती में राज्य सचिवालय के पास एक सार्वजनिक समारोह में मंत्रिमंडल के 25 सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। अमजत बाशा बेपारी और के. नारायण स्वामी (अनुसूचित जाति) को फिर से उप मुख्यमंत्री बनाया गया है और क्रमश: अल्पसंख्यक कल्याण तथा आबकारी विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
अनुसूचित जनजाति से पी राजन्ना डोरा को उपमुख्यमंत्री (आदिवासी कल्याण), पिछड़े वर्ग से बी मुत्याला नायडू को उपमुयख्यमंत्री(पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास) और कापू जाति से कोट्टू सत्यनारायण को भी उप मुख्यमंत्री (धर्मादा) बनाया गया है। बुग्गना राजेंद्रनाथ वित्त और विधायी मामलों का कामकाज देखते रहेंगे। वह वाणिज्यिक कर और कौशल विकास विभाग की भी जिम्मेदारी संभालेंगे।
रेड्डी और कापू समुदाय से चार-चार लोगों को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। मंत्रिमंडल में चार महिला सदस्य हैं, जिनमें से एक को दूसरी बार मौका दिया गया है। कम्मा, क्षत्रिय और वैश्य समुदाय, जिनके पिछले मंत्रिमंडल में एक-एक प्रतिनिधि थे, अब पूरी तरह से इससे बाहर हो गए हैं। ब्राह्मण समुदाय से फिर से किसी को मौका नहीं दिया गया।
राज्य के कुल 26 जिलों में से कम से कम सात को नए मंत्रिमंडल में कोई प्रतिनिधित्व नहीं मिला। सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस ने इसे ‘‘सामाजिक मंत्रिमंडल’’ के रूप में वर्णित किया, जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अजा, अजजा और अल्पसंख्यक समुदायों के 70 प्रतिशत प्रतिनिधि हैं।
रेड्डी ने जब 30 मई, 2019 को मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था, तब ही घोषणा की थी कि वह ढाई साल बाद (दिसंबर 2021) अपने मंत्रिमंडल को पूरी तरह बदल देंगे और 90 प्रतिशत नए लोगों को मौका देंगे और 10 प्रतिशत (यानी तीन मंत्रियों) को दोबारा मौका देंगे। इस हिसाब से मुख्यमंत्री के अलावा केवल दो पुराने मंत्रियों को ही रखे जाना था, लेकिन रेड्डी ने पिछले मंत्रिमंडल से 11 लोगों को दोबारा मौका दिया है,इन्हें सात अप्रैल को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। अमजथ बाशा शेख बेपारी और के. नारायण स्वामी (पूर्व उपमुख्यमंत्री) को फिर से मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है।
बोत्सा सत्यनारायण, पीआरसी रेड्डी, पी. विश्वरूप, ए. सुरेश और बुग्गना राजेंद्रनाथ जैसे वरिष्ठ नेताओं ने मंत्रिमंडल में जगह बनाई। वहीं, एस. अप्पला राजू, वेणुगोपाल कृष्णा, जी. जयराम और टी. वनिता को दूसरा मौका मिला है। विधायक के रूप में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने वाली फिल्म अभिनेत्री आरके रोजा ने भी आखिरकार मंत्रिमंडल में जगह बनाई।
वहीं, वरिष्ठ नेता अंबाती रामबाबू को भी इस बार मंत्रिमंडल में मौका मिला। मंत्रिमंडल में शामिल नए चेहरों में गुड़ीवाड़ा अमरनाथ, पी. राजन्ना डोरा, बी. मुत्याला नायडू, दादीसेट्टी रामलिंगेश्वर राव, केवी नागेश्वर राव, के. सत्यनारायण, जे. रमेश, वी. रजनी, एम. नागार्जुन, के. गोवर्धन रेड्डी और ऊषा श्रीचरण शामिल हैं।