आंध्र प्रदेश के साथ बजट में 'नाइंसाफी', विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए संसद से सड़क तक संग्राम
By कोमल बड़ोदेकर | Published: February 8, 2018 12:06 PM2018-02-08T12:06:05+5:302018-02-08T12:09:40+5:30
वामदलों ने केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की है।
वामदलों ने आंध्र प्रेदश में बंद आह्वान किया है। बंद के विरोध में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित अन्य क्षेत्रिय दलों ने अपना झंडा बुलंद किया है। विरोध कर रहे दलों का कहना है कि बीती 1 फरवरी को लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा पेश किए केंद्रीय आम बजट में आंध्र प्रेदश की अनदेखी की गई है, जिसके चलते उन्होंने इस बजट और केंद्र सरकार के खिलाफ बंद का आह्वान किया है।
इस बंद को वाईएसआर कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है। बंद के विरोध में वाईएसआर कांग्रेस के सांसदों ने संसद भवन के कैंपस में मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की।
वहीं बंद को देखते हुए आंध्र प्रदेश प्रशासन ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। वामदलों ने मोदी सरकार का विरोध करते हुए कहा है कि विशाखापट्टनम में रेलवे जोन स्थापित करने के संबंध में केंद्र ने अपनी ओर से बजट में कोई पहल नहीं की है।
वामदलों का आरोप है कि मोदी सरकार ने बजट में आंध्र प्रदेश के लिये कोई विशेष पैकेज नहीं दिया है। उसकी नई राजधानी अमरावती के निर्माण, बड़ा प्रोजेक्ट जैसे पोलावरम को लेकर भी सरकार ने बजट में भेदवावपूर्ण रवैया अपनाया है।