"अमृतपाल सिंह पाक खुफिया एजेंसी 'आईएसआई' का मोहरा है", खुफिया एजेंसियों का दावा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 19, 2023 07:43 AM2023-03-19T07:43:14+5:302023-03-19T09:44:28+5:30
'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस राज्य में बड़े पैमाने पर खोजी अभियान चला रही है। इस बीच खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि अमृतपाल सिंह "आईएसआई एजेंट" है और खालिस्तान के नाम पर पंजाब में अराजकता फैला रहा है।

फाइल फोटो
दिल्ली: पंजाब में इस वक्त भारी अशांति का कारण बना हुआ 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख अमृतपाल सिंह एक "आईएसआई एजेंट" है। भारत की खुफिया एजेंसियों का स्पष्ट मानना है कि वो पंजाब में खालिस्तान आंदोलन के नाम पर अराजकता और हिंसा फैलाने के आईएसआई द्वारा भारत में भेजा गया है। शनिवार को राज्य भर में अमृतपाल सिंह के खिलाफ चल रहे गिरफ्तारी ऑपरेशन के बीच खुफिया एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी साझा की।
अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस राज्य में बड़े पैमाने पर खोजी अभियान चला रही है लेकिन फिलहाल वो पुलिस की पकड़ से बाहर है। लेकिन पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियान में अभी तक अमृतपाल सिंह के 78 समर्थकों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जा चुका है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान के अनुसार केंद्रीय खुफिया अधिकारियों ने कहा कि अमृतपाल सिंह के खिलाफ यह एक्शन गुप्त सूचना मिलने के बाद शुरू किया गया है कि वो दिल्ली पर हमलों की कथित योजना पर काम कर रहा था औऱ पंजाब में अराजकता फैलाने के लिए गुप्त तरीके से प्लान बना रहा था।
इस संबंध में एक खुफिया अधिकारी ने हिंदुस्तान समाचार को बताया कि “दुबई में बतौर ट्रक चालक काम करने वाला अमृतपाल सिंह आईएसआई एजेंट है, जो संयुक्त अरब अमीरात में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में आया। आईएसआई ने उससे कहा कि वो खालिस्तान और सिख धर्म के नाम पर भोले-भाले युवाओं को गुमराह करके हिंसा और गलत रास्ते पर ले जाए और इस अभियान के लिए आईएसआई पैसा भी खर्च करेगी।”
खुफिया अधिकारी ने कहा, "अमृतपाल सिंह ब्रिटेन स्थित सिख कट्टरपंथी और शिरोमणि अकाली दल (मान गुट) के उपाध्यक्ष अवतार सिंह खंडा और खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा का करीबी सहयोगी है। यही अवतार सिंह खंडा और खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा पंजाब में अमृतपाल सिंह के तेजी से उत्थान के लिए जिम्मेदार हैं।”
खुफिया एजेंसी के पास इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि अमृतपाल सिंह और लखबीर सिंह रोडे (प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख) सहित पाकिस्तान में छुपे हुए खालिस्तानी समर्थक कई आतंकी दिल्ली में नेताओं पर हमला करने और पंजाब में धर्म के नाम पर नफरत फैलाने की साजिश रच रहे थे।
हाल के वक्त में अमृतपाल सिंह द्वारा जिस तेजी से खालिस्तान समर्थन में क्रिया-कलाप किये गये। उसे लेकर केंद्रीय और राज्य के खुफिया अधिकारियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय एजेंसियों ने अमृतपाल सिंह द्वारा तेजी से फैलाये जा रहे कट्टरपंथ पर जानकारी साझा की गई थी। इसके साथ ही एजेंसी ने इस महीने की शुरुआत में एक अन्य भी बैठक की थी, जिसमें वारिस पंजाब दे की सभी जिला इकाइयों की वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखने की बात कही गई थी ताकि उसे मिलने वाले कथित विदेशी धन के बारे में पता लगाया जा सके।
बीते 2 मार्च को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच इस मुद्दे को लेकर हुए गहन चर्चा में भी अमृतपाल सिंह और उसके द्वारा पंजाब में खराब किये जा रहे हालात पर लंबी मंत्रणा हुई थी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सीएम मान को अमृतपाल सिंह से निपटने के लिए केंद्र की ओर अतिरिक्त बल के रूप में हर संभव मदद का आश्वासन भी दिया था।
खुफिया अधिकारियों की मानें तो अमृतपाल सिंह दुबई में प्रतिबंधित संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन के प्रमुख लखबीर सिंह रोडे के भाई जसवंत के संपर्क में था। ये वही रोड है, जो भारत में कई तरह के आतंकी हमलों और हथियारों के साथ-साथ विस्फोटकों की सप्लाई के मामलों में वांछित है।
खुफिया एजेंसियों को इस बात की पूरी जानकारी है कि पंजाब आने के बाद अमृतपाल सिंह ने आईएसआई के इशारे पर वारिस पंजाब दे को मजबूत करने के लिए काम किया। उसने पंजाब में खालसा वहीर नाम से एक अभियान चलाया और गांवों में जाकर युवाओं के बीच वारिस पंजाब दे को मजबूत किया। उसके बाद अमृतपाल पंजाब से संबंधित आपत्तिजनक मुद्दों को उभारा शुरू किया। अमृतपाल सिंह ने सिख युवाओं को भारत सरकार के खिलाफ भड़काना शुरू किया और धर्म की आड़ में लोगों को अराजकता के रास्ते पर लेकर जाने की कोशिश करने लगा।
अमृतपाल सिंह का हैंडलर अवतार सिंह खंडा है, जो कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े परमजीत सिंह पम्मा का करीबी सहयोगी है। पम्मा सिख युवाओं को कट्टरता की आग में झोंकने के लिए प्रशिक्षण शिविर चलाने के लिए कुख्यात है। ये सभी मिलकर खालिस्तान समर्थक विचारों के माध्यम से पंजाब को अस्थिर करने के लिए अमृतपाल सिंह को लगातार सहयोग कर रहे थे।
खुफिया अधिकारी की माने तो अमृतपाल सिंह के समर्थनक खालिस्तानी आतंकी बर्मिंघम और ग्लासगो में लाइव प्रदर्शन करके आम रसायनों के जरिये आईईडी बनाने की कोशिश कर रहे थे। सुरक्षा एजेंसियों ने बताया कि अमृतपाल सिंह ने दिसंबर में जालंधर में गुरुद्वारा सिंह सभा मॉडल टाउन में एक घटना का हवाला देते हुए सिख युवाओं को कट्टर बनाने के लिए गुरुद्वारे की कुर्सियों को तोड़ दिया और बाद में गुरुद्वारे में भी आग लगा दी थी।
इतना ही नहीं अमृतपाल सिंह ने आनंदपुर खालसा आर्मी (एकेएफ) नामक एक नई सेना भी बनाई थी और यही सेना कथित खतरनाक हथियारों के साथ हमेशा उसके आसपास रहती है। अमृतपाल सिंह ने पिछले महीने कुछ बेहद आपत्तिजनक बयान दिये जिसमें उसने सीधे तौर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को धमकी दी थी। उसके इस कदम से सीमा पार बैठे आईएसआई के उसके आकाओं का मनोबल मजबूत हुआ था।
अमृतपाल सिंह ने पंजाब को खालिस्तान की आग में झोंकने के लिए न केवल गुरुद्वारों बल्कि सिखों के सर्वोच्च अकाल तख्त का भी अनादर किया था।
खुफिया अधिकारी की माने तों, "अमृतपाल सिंह खुद को गुरु ग्रंथ साहिब से ऊपर मानता था और पवित्र ग्रंथ का अनादर करता था। उसका उन्माद इस तरह का था कि पंजाब में कई युवा उसका अनुसरण करने लगे थे और सिर्फ छह महीने पहले सिख धर्म अपनाने के बावजूद अमृतपाल सिंह भी खुद को सिख धर्म का एकमात्र रक्षक मानने लगा था।”
वह खुद को जरनैल सिंह भिंडरावाले की वेशभूषा में इसलिए रखता था ताकि अमृतपाल सिंह दमदमी टकसाल के नेता रहे भिडरावाले की नकल करके अपने आप को सिखों के प्रभावशाली नेता के तौर पर प्रस्तुत कर सके।