पटना: बिहार के भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने रविवार को दावा किया कि गृह मंत्री अमित शाह की ''अपनी तरह की पहली'' वर्चुअल रैली को पूरे राज्य के करीब 40 लाख लोगों ने देखा। पार्टी के सूत्रों ने कहा कि बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को जोड़ने के लिए राज्य भर में कम से कम 10,000 बड़ी एलईडी स्क्रीन और 50,000 से अधिक स्मार्ट टीवी लगाए गए थे। राज्य में लगभग 72,000 मतदान केंद्र हैं।
हालांकि, उन्होंने राजद नेता तेजस्वी यादव के इन आरोपों का खंडन किया कि राज्य में 72,000 एलईडी स्क्रीन लगाने के लिए 144 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
रैली खत्म होने के कुछ ही देर बाद जायसवाल ने एक वीडियो संदेश जारी करके दावा किया कि भाजपा द्वारा संचालित विभिन्न यू-ट्यूब चैनल और फेसबुक पेजों के जरिए देशभर में करीब एक करोड़ लोगों ने शाह की रैली को देखा। वहीं, पटना में बीरचंद पटेल मार्ग स्थित राज्य भाजपा मुख्यालय के अटल सभागार ऑडिटोरियम में कई नेताओं और पत्रकारों ने रैली को देखा।
धन बल की राजनीति कर रही है भाजपा: कांग्रेस
कांग्रेस ने रविवार को भाजपा पर आरोप लगाया कि वह ऐसे समय में धन बल की राजनीति कर रही है जब पूरा देश कोविड-19 के खिलाफ जंग लड़ रहा है। पार्टी ने गृह मंत्री अमित शाह की ‘वर्चुअल रैली' को बिहार की जनता का अपमान करार दिया। शाह ने बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ महिनों पहले इंटरनेट और प्रसारण माध्यमों का इस्तेमाल कर रविवार को अपनी तरह की पहली ‘वर्चुअल रैली' की। इस दौरान उन्होंने दिल्ली से बिहार की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि राजग सरकार के कार्यकाल में राज्य ''जंगल राज’’ से निकलकर ‘‘जनता के राज'' में आ गया है।
कांग्रेस नेता तथा पूर्व केन्द्रीय मंत्री अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि शाह ऐसे समय में राजनीतिक को ध्यान में रखकर रैली कर रहे हैं जब बिहार के लोग कोरोना वायरस के चलते मर रहे हैं। इसके अलावा राज्य के कई लोग देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं।