अमित शाह ने जेपी की 120वीं जयंती पर 'लोकनायक' की 15 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण
By रुस्तम राणा | Published: October 11, 2022 02:28 PM2022-10-11T14:28:00+5:302022-10-11T14:28:00+5:30
अमित शाह ने जेपी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण का सबसे बड़ा योगदान तब था जब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और सत्ता के नशे में चूर एक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया, जिसने 70 के दशक में आपातकाल लगाया।

अमित शाह ने जेपी की 120वीं जयंती पर 'लोकनायक' की 15 फीट ऊंची प्रतिमा का किया अनावरण
पटना: जय प्रकाश नारायण की 120वीं जयंती पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बिहार के सारण जिले में अपने पैतृक गांव सीताब दियारा में जयप्रकाश नारायण की 15 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान उन्होंने कार्यक्रम को भी संबोधित किया। शाह ने जेपी आंदोलन का जिक्र करते हुए कहा कि जयप्रकाश नारायण का सबसे बड़ा योगदान तब था जब उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ और सत्ता के नशे में चूर एक सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू किया, जिसने 70 के दशक में आपातकाल लगाया।
अपने संबोधन में अमित शाह ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि 1973 में, इंदिरा जी के नेतृत्व में, गुजरात में कांग्रेस की सरकार थी, जिसमें चिमन पटेल मुख्यमंत्री थे। इंदिरा जी ने सार्वजनिक रूप से सरकारों को पैसा इकट्ठा करने का काम दिया, भ्रष्टाचार शुरू हुआ। गुजरात में छात्रों ने विरोध किया और इस आंदोलन का नेतृत्व जयप्रकाश नारायण ने किया। इसने गुजरात में सरकार बदल दी।
In 1973, under Indira ji's leadership, Gujarat had a Congress govt with Chiman Patel as CM. Indira ji publicly gave task of collecting money to govts, corruption started. Students in Gujarat protested & this agitation was led by #JayprakashNarayan. It changed Govt in Gujarat: HM pic.twitter.com/DJlQQiBr34
— ANI (@ANI) October 11, 2022
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, इसके बाद जय प्रकाश नारायण ने बिहार में एक आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन को देखकर बिहार के गांधी मैदान में रैली करने वाली इंदिरा गांधी परेशान हो गईं। देश के पीएम को देश में आपातकाल लगाने और जयप्रकाश नारायण को जेल में डालने के लिए मजबूर किया गया। यहां उल्लेखनीय है कि शाह का बिहार में यह 20 दिनों के भीतर दूसरा दौरा है। इससे पहले वे 22 और 23 सितंबर को सीमांचल में आये थे, जहां पर उन्होंने महागठबंधन की सरकार पर हमला बोला था।