लोकसभा चुनाव 2019ः भाजपा की प्रचंड जीत में अमित शाह के इन 'सात सेनापतियों' की है बड़ी भूमिका

By नितिन अग्रवाल | Published: May 25, 2019 08:48 AM2019-05-25T08:48:18+5:302019-05-25T08:48:18+5:30

2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की कमान संभालने के बाद शाह अपने भरोसेमंद नेताओं की कोर टीम बनाई. इसमें जे. पी. नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय, अरुण सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, भूपेंद्र यादव, अनिल जैन और अनिल बलूनी हैं.

Amit Shah team: election planning and execution team deliver victory for BJP | लोकसभा चुनाव 2019ः भाजपा की प्रचंड जीत में अमित शाह के इन 'सात सेनापतियों' की है बड़ी भूमिका

लोकसभा चुनाव 2019ः भाजपा की प्रचंड जीत में अमित शाह के इन 'सात सेनापतियों' की है बड़ी भूमिका

लोकसभा चुनाव में भाजपा की प्रचंड जीत की रणनीति को जमीन पर उतारने और उसे जीत में रूपांतरित करने का काम किया भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के सेनापतियों की टीम ने किया. 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी की कमान संभालने के बाद शाह अपने भरोसेमंद नेताओं की कोर टीम बनाई. इसमें जे. पी. नड्डा, कैलाश विजयवर्गीय, अरुण सिंह, प्रकाश जावड़ेकर, भूपेंद्र यादव, अनिल जैन और अनिल बलूनी हैं.

1. जेपी नड्डा

जे. पी. नड्डा को उत्तरप्रदेश का प्रभारी बनाया गया. उनके सहप्रभारी दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा रहे. नड्डा के माध्यम से शाह ने अति पिछड़ा वर्ग की विभिन्न जातियों को भाजपा में लाने के लिए उन जातियों के नेताओं को खड़ा किया और भाजपा ने इस वोटबैंक में सेंध लगाकर सपा-बसपा के गठबंध की हवा निकाल दी.

2. कैलाश विजय वर्गीय

शाह ने प.बंगाल की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को दी. उन्होंने अरविंद मेनन के साथ भाजपा की राज्य इकाई के भीतर भरोसा जगाया, आपसी खींचतान खत्म की. ''चुप्पे चार फूले छाप'' के जिस नारे से ममता ने वामपंथी राज को उखाड़ फेंका उसी नारे को उन्होंने ''चुप्पेचाप कमल छाप'' में तब्दील कर दिया और लेफ्ट के वोट बैंक भी भाजपा के साथ आ गया.

3. अरुण सिंह

राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह को पिछले साल जून में ओडिशा का प्रभारी बनाया गया. उन्होने स्थानीय मुद्दों को उठाने की रणनीति बनाई. इसके अलावा बी.जे. पांडा जैसे मजबूत चेहरों को पार्टी में शामिल कराया. सिंह ने बड़े और अहम नेताओं के चुनाव प्रचार का कार्यक्र म तय किया. जिसके दम पर ओडिशा में भाजपा कमल खिलाने में कामयाब रही.

4. प्रकाश जावड़ेकर

विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें राजस्थान का प्रभारी बनाया गया. लोकसभा चुनाव में उनके साथ सुधांशु त्रिवेदी आए. विस चुनाव के नतीजों के बावजूद शाह ने जावड़ेकर पर पर भरोसा कायम रखा. उन्होंने राज्य में पार्टी में बिखराव को रोका और वसुंधरा को जाट, गुर्जर समुदाय के मतों को लुभाने वाले नेताओं को पार्टी में लाने के लिए मनाया.

5. अनिल जैन

डॉ. अनिल जैन को शाह ने हरियाणा और छत्तीसगढ़ का प्रभार दिया. शाह ने टिकट बंटवारे में छत्तीसगढ़ में चरम स्तर की सर्जरी करते हुए सभी मौजूदा सांसदों के टिकट काट दिए. फिर भी पेशे से सर्जन जैन ने पार्टी में अंसंतोष खड़ा नहीं होने दिया. उन्होंने हरियाणा के प्रभावशाली और निर्णायक जाट समुदाय का कांग्रेस से मोहभंग किया.

6. भूपेंद्र यादव

भूपेंद्र यादव शाह की कोर टीम के अहम सदस्य हैं. गुजरात और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में उनकी अहम भूमिका रही. उनके काम और महारथ को देखते हुए उन्हें मोदी और शाह की रैलियों की योजना बनाने की जिम्मेदारी दी गई.

7. अनिल बलूनी

भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी ने मीडिया में शाह और मोदी सहित पार्टी की खबरों को ज्यादा से ज्यादा प्रमुखता दिलाने का काम किया. उन्होंने ध्यान रखा कि शाह और मोदी की खबरें किसी खास राजनीतिक खबर के बीच दबने न पाएं. उन्होंने प्रवक्ताओं की टीम और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच भी संवाद सेतु का काम किया.

Web Title: Amit Shah team: election planning and execution team deliver victory for BJP