पाकिस्तान से आए दो शरणार्थी बने देश के पीएम, आर्टिकल 370 की वजह से कश्मीर में काउंसिलर भी नहीं बन सकते: अमित शाह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 5, 2019 06:15 PM2019-08-05T18:15:10+5:302019-08-05T18:15:10+5:30
राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने पर और राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पेश हुए प्रस्ताव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया।
राज्यसभा में सोमवार को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाये जाने पर और राज्य का विभाजन दो केंद्र शासित प्रदेशों के रूप में पेश हुए प्रस्ताव को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के प्रश्नों का जवाब दिया। इस दौरान अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 की खामियां गिनाई। उन्होंने विपक्ष के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा किदेश का विभाजन हुआ, पाकिस्तान की रत्ना हुई। देशभर में पाकिस्तान से शरणार्थी आएं।
कुछ शरणार्थी पंजाब, गुजरात और महाराष्ट्र में चले गए और कुछ जम्मू-कश्मीर में गए। लेकिन जो शरणार्थी जम्मू कश्मीर में गए उनको आजतक नागरिकता नहीं मिली और वो वहां काउंसलर तक नहीं बन सकते। इस देश के दो ऐसे प्रधानमंत्री हुए जो शरणार्थी थे। उनमें मनमोहन सिंह और गुजराल सिंह थे।
उन्होंने कहा कि आर्टिकल 370 अस्थाई था और इसे कभी न कभी हटना था लेकिन पिछली सरकारों ने वोट बैंक के लिए इसे हटाने की हिम्मत नहीं की। कैबिनेट ने आज हिम्मत दिखाकर और जम्मू कश्मीर के लोगों के हित के लिए यह फैसला लिया है।
धारा 370 की गिनाई खामियां
उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए यहां के बच्चों को देशभर के शिक्षा संस्थानों पर जाना पड़ता है इसका भी कारण 370 है। 370 ने जम्मू कश्मीर, घाटी और लद्दाख का भारी नुकसान किया। 370 के कारण भ्रष्टाचार बढ़ा-फला फूला, गरीबी घर गई, वहां के लोगों को आरोग्य की सुविधा नहीं मिली, विकास नहीं हुआ, वहां बेहतर शिक्षा नहीं है। ये महिला, दलित, आदिवासी विरोधी है और आतंकवाद की जड़ है।
अमित शाह ने कहा कि 3,681 रुपये प्रति व्यक्ति के राष्ट्रीय औसत की तुलना में जम्मू कश्मीर में 14,255 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से राशि आवंटित किए की गई ।