"अमित शाह बताएं कि संविधान के साथ हैं या मनु स्मृति के साथ"? सीपीएम नेता बृंदा करात ने सनातन विवाद पर किया सवाल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 4, 2023 01:00 PM2023-09-04T13:00:35+5:302023-09-04T13:03:26+5:30
सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने सनातन विवाद पर गृहमंत्री अमित शाह को घेरते हुए कहा कि पहले वो जवाब दें कि क्या वो सनातन धर्म जन्म-आधारित 'वर्ण व्यवस्था' का महिमामंडन करते हैं?
नई दिल्ली:भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने तमिलनाडु की मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके मंत्री उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म पर दिये बयान पर हमालवर हुए गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। सीपीएम पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने कहा, ''पहले अमित शाह जवाब दें, क्या वो सनातन धर्म जन्म-आधारित 'वर्ण व्यवस्था' का महिमामंडन करते हैं?
बृंदा करात ने यह बात इस कारण से रही क्योंकि गृहमंत्री शाह ने बीते रविवार को राजस्थान में आयोजित एक सार्वजनिक रैली में कहा था, "द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन के मंत्री बेटे उदयनिधि द्वारा सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी से पता चलता है कि विपक्षी गठबंधन इंडिया हिंदू धर्म से नफरत करता है और यह सीधे तौर पर हमारी हिंदू विरासत पर हमला है।"
करात ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "पहले अमित शाह को जवाब देने दीजिए कि क्या सनातन धर्म जन्म आधारित वर्ण व्यवस्था का महिमामंडन करता है? क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जाति व्यवस्था का समर्थन करते हैं? क्या शाह मनु स्मृति के उन छंदों का समर्थन करते हैं, जो दलितों और आरतों के लिए अपमानजनक हैं"?
पूर्व राज्यसभा सांसद करात ने कहा, "क्या अमित शाह संविधान द्वारा दिए गए एक वयस्क महिला को अपनी पसंद के पुरुष से शादी करने के अधिकार का समर्थन करते हैं या क्या वह मनु स्मृति द्वारा निर्धारित ऐसी शादी के लिए क्रूर सजा का समर्थन करते हैं? वो देश में महंगाई, बेरोजगारी और दलितों और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचारों से निपटने में फेल हैं, इस कारण वो ऐसे बयान दे रहे हैं ताकि लोगों का ध्यान हटा जाए।''
गृहमंत्री शाह ने आरोप लगाया था कि उदयनिधि स्टालिन का सनातन धर्म पर दिया बयान इंडिया गठबंधन के "वोट बैंक की राजनीति" और "तुष्टिकरण" की रणनीति का हिस्सा थी। गृहमंत्री द्वारा तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और तमिलनाडु के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन के बयान पर की गई इस की गई इस टिप्पणी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया है।
मालूम हो कि तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में आयोजित एक लेखक सम्मेलन में उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन धर्म का विचार सामाजिक न्याय के विचार के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए।
उन्होंने सनातन धर्म और डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के बीच एक समानता भी बताई। जिसके बाद से भाजपा नेताओं ने उदयनिधि स्टालिन की आलोचना की और सवाल किया था कि क्या विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी सदस्य द्रमुक नेता उदयनिधि की टिप्पणियों से सहमत हैं।