'यूपीए गठबंधन में मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझते थे, कोई भी पीएम को प्रधानमंत्री नहीं समझता था' - अमित शाह
By शिवेंद्र राय | Published: February 19, 2023 02:31 PM2023-02-19T14:31:44+5:302023-02-19T14:32:55+5:30
18 फरवरी को पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन की सरकार में सभी मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझते थे और कोई भी मंत्री प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझता था।
पुणे: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 18 फरवरी, शनिवार के पुणे में थे। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आधारित किताब ‘मोदी@20’ के मराठी संस्करण का विमोचन किया। अमित शाह ने इस मौके पर पीएम मोदी की तारीफ तो की है साथ ही कांग्रेस, यूपीए गठबंधन और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भी निशाना साधा।
अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन की सरकार में सभी मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझते थे और कोई भी मंत्री प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं समझता था। उस समय के प्रधानमंत्री का विदेशों में कोई सम्मान नहीं था।"
केंद्रीय गृहमंत्री ने मनमोहन सिंह पर निशाना साधते हुए आगे कहा, "तब के प्रधानमंत्री जाते थे और लिखित भाषण पढ़ते थे। कभी-कभी वह सिंगापुर में थाईलैंड और थाईलैंड में सिंगापुर का भाषण पढ़ देते थे।"
अमित शाह ने आतंकवाद पर अंकुश लगाने और सीमाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और पूर्व की कांग्रेस सरकार की खामियां गिनाई। उन्होंने कहा, "यूपीए शासन के दौरान पाकिस्तान से घुसपैठिए और आतंकवादी आते थे और हमारे जवानों के सिर काट देते थे। उनके कटे सिर का अपमान करते थे और दिल्ली के दरबार में सन्नाटा पसर जाता था। एक के बाद एक देश के सामने 12 लाख करोड़ के घोटाले और भ्रष्टाचार आए। महिलाएं सुरक्षित नहीं थीं, देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं थीं।"
शाह ने आगे कहा, "देश अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, जो ब्रिटेन से भी बड़ी है। कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने के कारण कश्मीर में खून खराबे की भविष्यवाणी करने वाली कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस को अब जवाब मिल गया है। मोदी ने पूर्वोत्तर में उग्रवाद खत्म किया और वामपंथी उग्रवाद लगभग खत्म हो गया है।"
तीन तलाक और धारा-370 पर अमित शाह ने कहा, "किसी ने कल्पना नहीं की थी कि अनुच्छेद 370 खत्म हो जाएगा या तीन तलाक खत्म हो जाएगा। कोई सोच भी नहीं सकता था कि केंद्र समान नागरिक संहिता की दिशा में बढ़ेगा। लेकिन मोदी जी ने पार्टी के इन वैचारिक आधारों को पूरा करने का काम किया है। लेकिन मिशन अब भी अधूरा है।"