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अमित शाह ने तवांग विवाद में राजीव गांधी फाउंडेशन को खिंचा, कांग्रेस ने किया पलटवार, सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, "मोदी जी, PM Care फंड में चीनी कंपनियों से लिये पैसे के बारे में बताइये"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: December 13, 2022 20:22 IST

तवांग विवाद में भाजपा द्वारा राजीव गांधी फाउंडेशन को घसिटे जाने पर कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और PM Care फंड पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया गया है कि PM Care फंड में कई चीनी कंपनियों से दान लिया गया है। उसके संबंध में भाजपा को जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

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ठळक मुद्देतवांग विवाद में भाजपा और कांग्रेस के बीच शुरू हुई तूतू-मैंमैंभाजपा ने राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा उठाया, कांग्रेस ने छेड़ा PM Care फंड का राग कांग्रेस ने कहा भाजपा PM Care फंड में चीनी कंपनियों से लिये पैसों की जानकारी सार्वजनिक करे

दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेसतवांग विवाद में एक-दूसरे को घेरने में लग गई है। संसद में आज सुबह चीन द्वारा तवांग अतिक्रमण के मसले में बयान देने से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस पर तीखा हमला करते आरोप लगाया कि चीन विवाद पर हमें कटघरे में खड़ी करने वाली कांग्रेस पार्टी के शासनकाल में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास से 1 करोड़ 35 लाख रुपए का दान मिला था।

गृहमंत्री शाह के मुताबिक फाउंडेशन को यह धनराशि साल 2005-06 और 2006-07 में मिली थी, जो कानून प्रक्रियाओं के लिहाज से गलत थी। इस कारण गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन का एफसीआरए (विदेशी अनुदान नियमन कानून) पंजीकरण रद्द कर दिया था।

वहीं अब भाजपा द्वारा लगाये गये इस तरह के गंभीर आरोपों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासनकाल में बनी PM Care फंड पर निशाना साधा है। कांग्रेस की ओर से भी आरोप लगाया गया है कि मोदी सरकार द्वारा PM Care फंड में कई चीनी कंपनियों से दान लिया गया है। उसके संबंध में भाजपा को जानकारी सार्वजनिक करनी चाहिए।

इस संबंध में पार्टी की ओर से राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट करते हुए कहा, "मोदी जी, चीन से क्या प्रेम है आपका? हमारे सैनिक घायल हुए हैं - और आप हर बार की तरह चुप हैं? ना आप चीन पर बोलते हैं ना अपने PM Care फंड पर कुछ बताते हैं जिसमें आपने खूब चीनी कम्पनियों से पैसा लिया, उनसे भी जिनको नाम के लिए बैन किया था।"

चीन के मुद्दे पर देश की दो प्रमुख पार्टियों के आमने-सामने होने का मुख्य कारण बीते 9 दिसंबर को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा अरुणाचल प्रदेश के तवांग स्थित यंगस्ट में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर की गई हिमाकत है, जिसमें चीन की लाल सेना के करीब 300 जवानों ने एलएसी को पार करने प्रयास किया था। जिसे भारतीय सैनिकों ने बड़ी ही बहादुरी के साथ नाकाम करते हुए उन्हें वापस उनकी सीमा में धकेल दिया था।

इस संबंध में रक्षा मंत्रालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के लगभग 300 जवानों ने हमारे इलाकों में घुसपैठ करने का प्रयास किया, जिसे एलएसी पर मौजूद भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया और उन्हें वापस उनकी सीमा में खदेड़ दिया गया है। वहीं घटना की जानकारी सार्वजनिक होने के बाद कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दल नरेंद्र मोदी सरकार पर हमलावर हैं।

विपक्षी दलों का कहना है कि अगर चीनी सेना ने बीते 9 दिसंबर को भारत की सीमा में घुसपैठ का प्रयास किया था तो सरकार उस जानकारी को 2-3 दिनों तक क्यों दबाई रही। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने सरकार की नीतियों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि सरकार ने न केवल विपक्षी दलों बल्कि पूरे देश को अधेरे में रखने का काम किया है। सरकार को बताना चाहिए कि आखिर वो इस तरह की अप्रत्याशीत घटनाओं को किस प्रकार देख रही रहै और इस संबंध में किस तरह के सुरक्षात्म उपाय कर रही है।

घटना के संबंध में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने आज सुबह संसद परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पार्लियामेंट चल रही है लेकिन आप (मोदी सरकार) बताते नहीं हैं। आप पार्लियामेंट को भी अंधेरे में रखेंगे। इसके साथ ही ओवासी ने जी-20 बैठक का जिक्र करते हुए पीएम मोदी पर सीधा हमला करते हुए कहा, "सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर प्रधानमंत्री चीन का नाम लेने से क्यों डरते हैं। नाम लीजिए न आप, आपने तो हाथ मिलाया था, उठकर, जाकर। देख लिया आपने नतीजा क्या निकला।"

ओवैसी ने कहा, "देश जानना चाहता है कि आखिर प्रधानमंत्री क्यों डर रहे हैं इतना चीन का नाम लेने से। वो राजनीतिक नेतृत्व नहीं दिखा रहे हैं। यहां कोई सवाल नहीं उठ रहा है हमारी फौज की बहादुरी पर। यहां पर अगर कोई बुजदिली दिखा रहे हैं तो वो देश के प्रधानमंत्री हैं और सरकार है। अगर 56 इंच का सीना है तो दिखाएं प्रधानमंत्री। इस तरह से छुपने से काम नहीं चलेगा।"

टॅग्स :तवांगपीएम केयर्स फंडराजीव गाँधीकांग्रेसBJPअमित शाहAmit Shah
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