अमित शाह के जिस गेम प्लान से राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ हारी थी बीजेपी, उसी से जीत लिया लोकसभा चुनाव
By रोहित कुमार पोरवाल | Published: May 25, 2019 02:10 PM2019-05-25T14:10:33+5:302019-05-25T14:10:33+5:30
अमित शाह के रणनीतिक कौशल पर विरोधी भी ऐसे ही फिदा नहीं है। इसके पीछे कारण है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले वर्ष हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अमित शाह के जिस गेम प्लान के चलते भारतीय जनता पार्टी तीन बड़े हिंदी पट्टी के राज्यों से हाथ धो बैठी थी, उसी गेम प्लान को शाह लोकसभा चुनाव में अमल में लाए और ऐतिहासिक जीत हासिल की।
अमित शाह को भारतीय जनता पार्टी का चाणक्य यूं ही नहीं कहा जाता है। उनका व्यक्तिगत रिकॉर्ड ही उठाकर देख लिया जाए तो वह लगातार रिजल्ट डिलिवर करने वाले साबित हुए हैं। फिर चाहे, गुजरात में अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी की राजनीति के लिए प्रबंधन की कमान संभालने का जिम्मा रहा हो या फिर भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष बन उसे दुनिया की सबसे बड़ी और सफल पार्टी बनाने का जिम्मा।
भारतीय जनता पार्टी की घोर आलोचकों में से एक जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती आतंकियों के परिवारवालों से संवेदनाएं बांटकर भी मुस्लिम बहुसंख्यक राज्य में अपनी सीट नहीं बचा सकीं लेकिन उन्हें भी यह कहना पड़ा कि कांग्रेस के पास भी एक अमित शाह होना चाहिए।
अमित शाह के रणनीतिक कौशल पर विरोधी ऐसे ही फिदा नहीं है। इसके पीछे कारण है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पिछले वर्ष हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में अमित शाह के जिस गेम प्लान के चलते भारतीय जनता पार्टी तीन बड़े हिंदी पट्टी के राज्यों से हाथ धो बैठी थी, उसी गेम प्लान को शाह लोकसभा चुनाव में अमल में लाए और ऐतिहासिक जीत हासिल की। शायद उन्हें भरोसा था कि इस बार दांव खाली नहीं जाएगा।
चुनाव नतीजों के दिन दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय पर जीत की खुशी कार्यकर्ताओं से साझा करते हुए शाह ने अपने गेम प्लान का जिक्र किया था। उन्होंने बताया था कि उनकी रणनीति किसी भी गठबंधन के जाति कार्ड को मात देने के लिए 17 राज्यों में 50 प्रतिशत वोटशेयर हासिल करने की थी। जिस पर पार्टी ने काम किया और ऐसा हुआ भी। बीजेपी शाह की रणनीति के मुताबिक 17 राज्यों में 50 फीसदी से ज्यादा वोटशेयर ले आई जो उसकी जीत का कारण बना।
चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक बीजेपी हिमाचल प्रदेश में 69 फीसदी, गुजरात में 62, उत्तराखंड में 60, राजस्थान में 59, मध्य प्रदेश में 58, हरियाणा में 57, दिल्ली में 57, अरुणाचल प्रदेश में 57.7, कर्नाटक में 51.5, उत्तर प्रदेश में 51, गोवा में 51.7, झारखंड में 51 और चंडीगढ़ में 50.5 फीसदी वोटशेयर हासिल करने में कामयाब रही।
90 करोड़ मतदाताओं में से बीजेपी की नजर उन 50 करोड़ लाभार्थियों पर थी जो मोदी सरकार की 133 योजनाओं में से किसी न किसी रूप में लाभान्वित हुए हैं।