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आपातकाल की 47वीं बरसी पर अमित शाह ने कांग्रेस पर बोला हमला, देश की सबसे पुरानी पार्टी पर कही ये बात

By मनाली रस्तोगी | Updated: June 25, 2022 09:35 IST

25 जून 1975 की आधी रात को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 1971 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत को अमान्य घोषित करने के बाद उनके इस्तीफे के लिए बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करने के बाद आपातकाल लगाया गया था।

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ठळक मुद्देइंदिरा गांधी सरकार ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में समाप्त युद्ध को उजागर करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का हवाला दिया।आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला दौर माना जाता है।18 महीने बाद आपातकाल हटा लिया गया और 1977 में नए चुनाव हुए।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर चौतरफा हमला किया। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आज से ठीक 47 साल पहले देश में आपातकाल घोषित किया था। वहीं, शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा, "1975 में आज ही के दिन कांग्रेस ने सत्तामोह में रातो-रात हर भारतीय के संवैधानिक अधिकारों को छीन आपातकाल थोपा व निर्दयता में विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया।"

उन्होंने आगे लिखा, "इस तानाशाही मानसिकता के विरुद्ध लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के महायज्ञ में अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले सभी देशभक्तों को नमन।" मालूम हो, 25 जून 1975 की आधी रात को देश के तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत आपातकाल की घोषणा की थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा 1971 के लोकसभा चुनाव में उनकी जीत को अमान्य घोषित करने के बाद उनके इस्तीफे के लिए बड़े पैमाने पर विरोध का सामना करने के बाद आपातकाल लगाया गया था।

इंदिरा गांधी सरकार ने पाकिस्तान के साथ हाल ही में समाप्त युद्ध को उजागर करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरों का हवाला दिया। आपातकाल को स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक काला दौर माना जाता है। इस अवधि को सेंसरशिप, लगातार मानवाधिकारों के उल्लंघन और राज्य की कैद की रिपोर्टों द्वारा चिह्नित किया गया था। 18 महीने बाद आपातकाल हटा लिया गया और 1977 में नए चुनाव हुए। 1947 के बाद पहली बार कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया गया था, जिसमें इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी क्रमशः रायबरेली और अमेठी से हार गए थे।

पिछले साल अमित शाह ने आपातकाल को 'क्रूर यातना' और '21 महीने के क्रूर शासन' का दौर बताया था। उन्होंने पिछली बार कहा था, "एक परिवार के खिलाफ आवाज दबाने के लिए लगाया गया आपातकाल स्वतंत्र भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है। 21 महीने तक निर्मम शासन की क्रूर यातनाओं को झेलते हुए देश के संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए अथक संघर्ष करने वाले सभी देशवासियों के बलिदान को नमन।"

टॅग्स :अमित शाहइंदिरा गाँधीकांग्रेससंजय गांधी
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