बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात
By एस पी सिन्हा | Updated: November 11, 2025 15:43 IST2025-11-11T15:43:32+5:302025-11-11T15:43:32+5:30

बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की केन्द्रीय मंत्री ललन सिंह से मुलाकात
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान के साथ ही जदयू के अंदर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मंगलवार को सुबह- सुबह मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के पटना स्थित आवास पर पहुंचे, जहां दोनों नेताओं के बीच करीब 15 से 20 मिनट तक चुनाव को लेकर अहम मंत्रणा हुई। इस दौरान उन्होंने विजय कुमार सिन्हा से भी मुलाकात की है। यह मुलाकात काफी अहम हो सकती है, क्योंकि दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के बीच दोनों ने गुफ्तगू हुई। इस मुलाकात के दौरान क्या चर्चा हुई इस बारे में अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है।
उसके बाद नीतीश कुमार जदयू दफ्तर के वार रूम पहुंचे। जहां उन्होंने कार्यालय का निरीक्षण किया और बैठक की। साथ में प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा और विजय चौधरी भी मौजूद रहे। इस बीच मीडिया से बातचीत में विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे थे। जो रुझान मिल रहे हैं और कार्यकर्ताओं से जो सूचना आ रही है, वह बेहद उत्साहजनक है। एनडीए के पक्ष में हर क्षेत्र में जबर्दस्त मतदान हो रहा है।
पहले चरण की तरह इस बार भी खासकर महिलाओं में भारी उत्साह देखा जा रहा है। विजय चौधरी ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि वे 18 तारीख को शपथ लेंगे और 14 को परिणाम महागठबंधन के पक्ष में आएंगे। शपथ लेने से किसी को कोई नहीं रोक सकता, लेकिन बिहार के राज्यपाल शपथ नीतीश कुमार को ही दिलाएंगे। वहीं कांग्रेस की ओर से आए एक ट्वीट पर भी विजय चौधरी ने प्रतिक्रिया दी।
कांग्रेस ने जहां जदयू उम्मीदवार न होने पर राजद को वोट देने की अपील की थी, इस पर चौधरी ने कहा कि यह कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन और हास्यास्पद बयान है। जिस पार्टी की अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं है, वह जेडीयू पर टिप्पणी करने की स्थिति में नहीं है। वहीं, जदयू कार्यालय में नीतीश कुमार के पहुंचने से कार्यकर्ताओं में उत्साह का माहौल देखा गया। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने हर क्षेत्र से आ रहे मतदान रुझानों की सीधी रिपोर्ट ली और अगली रणनीति पर चर्चा की।
पहले चरण की रिकॉर्ड 65 प्रतिशत से ज्यादा मतदान और दूसरे चरण की तेज रफ्तार मतदान ने जदयू और एनडीए नेताओं के दावे और बुलंद कर दिए हैं। पार्टी नेता लगातार कह रहे हैं कि माहौल साफ है और बिहार में फिर से नीतीश सरकार बन रही है। लेकिन इससे पहले मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर एनडीए में जो धुंध छाई थी, उसने जदयू को असहज कर दिया था।
संशय की शुरुआत उस वक्त हुई जब गृह मंत्री अमित शाह ने एक इंटरव्यू में कहा था कि चुनाव तो नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जा रहा है, लेकिन नतीजों के बाद मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल करेगा। उनका यह बयान तुरंत चर्चा का विषय बन गया और यह सवाल उठने लगा कि क्या नीतीश ही अगले मुख्यमंत्री होंगे।
फिर केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह ने भी कहा कि शाह की बात को गलत ढंग से पेश किया जा रहा है। परंपरा यही रही है कि विधायक दल नेता चुनता है. 2020 में भी नीतीश को इसी तरह नेता चुना गया था। स्थिति साफ तब हुई जब पहले चरण के मतदान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चुनाव के बाद भी नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी कई दिनों से यही बात दोहरा रहे हैं कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होने वाला।