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प्रशांत किशोर की नाराजगी के बीच JDU ने नागरिकता संशोधन विधेयक का राज्य सभा में किया समर्थन, TRS का विरोध

By विनीत कुमार | Updated: December 11, 2019 14:32 IST

इससे पहले लोकसभा में भी जेडीयू के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने इस विधेयक का समर्थन किया था। हालांकि, प्रशांत किशोर ने अपनी नाराजगी जताई थी।

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ठळक मुद्देजेडीयू ने नागरिकता संशोधन विधेयक का राज्य सभा में किया समर्थनजेडीयू ने लोकसभा में भी किया था विधेयक का समर्थन लेकिन प्रशांत किशोर ने जताई थी नाराजगी

जेडीयू ने लोकसभा के बाद राज्य सभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। वहीं, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने इस बिल का विरोध किया है। टीआरएस की ओर से के. केशव राव ने इस विधेयक को 'आइडिया ऑफ इंडिया' के खिलाफ बताया और सरकार से इसे वापस लेने को कहा।

बहरहाल, जेडीयू का राज्य सभा में बिल को मंजूरी देना दिलचस्प है। दरअसल इस विधेयक को लेकर जेडीयू के बीच से ही अलग-अलग सुर सुनने को मिले हैं। राज्य सभा में जेडीयू सासंत आरसीपी सिंह ने इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करते हुए कहा, 'हम विधेयक का समर्थन करते हैं। ये बिल बहुत स्पष्ट है। ये हमारे तीन पड़ोसी देशों से बाहर किये गये अल्पसंख्यकों को नागरिकता का अधिकार देता है लेकिन यहां हमारे मुस्लिम भाईयों को लेकर चर्चा की जा रही है।'

इससे पहले लोकसभा में भी जेडीयू के सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने इस विधेयक का समर्थन किया था। इसी हफ्ते सोमवार को विधेयक पर लोकसभा में चर्चा में हिस्सा लेते हुए ललन सिंह ने कहा कि जदयू विधेयक का समर्थन इसलिए कर रही है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ नहीं है।

प्रशांत किशोर पार्टी के स्टैंड से खुश नहीं!

हालांकि, लोकसभा में विधेयक के पास हो जाने के बाद जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने निराशा जताई। उन्होंने कहा कि विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता।

उन्होंने ट्वीट में लिखा, 'जदयू के नागरिकता संशोधन विधेयक को समर्थन देने से निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता जिसमें धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले पन्ने पर तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गांधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।' 

टॅग्स :नागरिकता संशोधन बिल 2019जेडीयूराज्य सभासंसद शीतकालीन सत्रप्रशांत किशोर
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