साल 2020 में 23 जून से 3 अगस्त तक अमरनाथ यात्रा चलेगी। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड की बैठक में इसका फैसला लिया जाएगा। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष गिरीश चंद्र मुर्मू ने जम्मू में आयोजित 37 वीं बोर्ड बैठक में फैसला किया।
जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने पुलिस विभाग से कहा है कि इस साल होने वाली तीर्थयात्रा का संचालन प्रभावी रूप से सुनिश्चित करने के लिए वह श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएसबी) के साथ तालमेल बिठाकर काम करें।
केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद जम्मू-कश्मीर में यह बाबा अमरनाथ की पहली वार्षिक यात्रा होगी। अमरनाथ यात्रा को शुरू करने का फैसला श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड की शुक्रवार को हुई बैठक में लिया गया जिसकी अध्यक्षता उपराज्यपाल जीसी मुर्मू ने की।
बैठक में फैसला लिया गया कि बाबा अमरनाथ की साल 2020 की वार्षिक यात्रा 23 जून से शुरू की जाए। यात्रा 42 दिन चलेगी और रक्षाबंधन वाले दिन तीन अगस्त को संपन्न होगी। यात्रा को सफल बनाने के लिए निर्धारित समय के भीतर ही प्रबंध करने के लिए कहा गया है। यात्रा का पंजीकरण भी मार्च में शुरू हो जाएगा।
पिछले साल यह यात्रा 46 दिन तक चली थी, जो एक जुलाई से शुरू होकर यात्रा पंद्रह अगस्त तक चली थी। कश्मीर में सुरक्षा कारणों से यात्रा को एक अगस्त को रोक दिया गया था। उस समय पंद्रह दिन यात्रा स्थगित रही थी। छड़ी मुबारक ने पंद्रह अगस्त को दर्शन किए थे। यात्रा का एडवांस पंजीकरण एक अप्रैल से किया गया था।
बोर्ड बैठक में बताया गया कि पहले की ही तरह इस बार भी देश के विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू कश्मीर बैंक और यस बैंक की शाखाओं से ही पंजीकरण होगा। यात्रा के दोनों रास्तों बालटाल और पहलगाम से 7500-7500 श्रद्धालुओं को रोजाना भेजने की व्यवस्था की जाएगी।
यात्रा के लिए 13 साल से आयु से कम और 75 साल की आयु से अधिक के श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सकते है। इसके लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनाना जरूरी होगा। यात्रा के प्रबंध केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के प्रशासन और श्री अमरनाथ जी श्राईन बोर्ड की तरफ से किए जाते है।
एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बुधवार को कहा कि मुख्य सचिव सुब्रह्मण्यम ने वर्ष 2020 की अमरनाथ तीर्थयात्रा के लिए की जाने वाली व्यवस्था की समीक्षा लिए नौवीं उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्षता की। सुरक्षा प्रबंध के संबंध में मुख्य सचिव ने पुलिस विभाग से कहा है कि वह एसएसबी के साथ तालमेल बिठाकर काम करे ताकि दोमेल और चंदनवाड़ी में नियंत्रण द्वार पर यात्रा का संचालन प्रभावी रूप से किया जा सके।
मुख्य सचिव ने दिशानिर्देशों का अनुपालन कड़ाई से करने पर भी बल दिया जिससे केवल पंजीकृत तीर्थयात्री और सेवा प्रदाताओं को ही जाने की अनुमति मिल सके। गत वर्ष तीन लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा का दर्शन किया था।