इस दिन शुरू होने वाली है अमरनाथ यात्रा, युद्ध स्तर पर चल रही तैयारी

By सुरेश एस डुग्गर | Updated: June 20, 2024 10:12 IST2024-06-20T10:11:32+5:302024-06-20T10:12:19+5:30

अधिकारियों ने बताया कि पहले की तरह अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटी चिप अनिवार्य कर दी है और इसके बिना किसी भी यात्री को तीर्थयात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

Amarnath Yatra is going to start on from 29 June, preparations going on war footing | इस दिन शुरू होने वाली है अमरनाथ यात्रा, युद्ध स्तर पर चल रही तैयारी

इस दिन शुरू होने वाली है अमरनाथ यात्रा, युद्ध स्तर पर चल रही तैयारी

Highlightsइस साल 29 जून से 52 दिन लंबी वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है।यात्री निवास में दो लंगर भी स्थापित किए जाएंगे।पहले की तरह अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटी चिप अनिवार्य कर दी है।

जम्मू: इस साल 29 जून से 52 दिन लंबी वार्षिक अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। पहलगाम-चंदनवाड़ी और बालटाल दोनों ट्रैक पर पवित्र गुफा तक बिना किसी परेशानी के तीर्थयात्रा की व्यवस्था युद्ध स्तर पर चल रही है। 

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, पवित्र गुफा तक बालटाल ट्रैक पर बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा हो चुका है, जबकि नुनवान-चंदनवाड़ी ट्रैक पर महागुनस टॉप और पोशपथरी के दो पैच अभी भी बर्फ से साफ नहीं हुए हैं, जिन पर काम चल रहा है। 

सूत्रों ने बताया कि इन दो पैच से भी कुछ दिनों में बर्फ हटा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि बालटाल और नुनवान के बेस कैंपों पर कैंप स्थापित किए गए हैं। बालटाल और चंदनवाड़ी में एक-एक 100 बिस्तरों वाले दो अस्पताल भी स्थापित किए गए हैं और तीन से चार दिनों में काम करना शुरू कर देंगे। 

सूत्रों ने बताया कि इन अस्पतालों का प्रबंधन अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) द्वारा किया जाएगा और इनका संचालन जम्मू कश्मीर स्वास्थ्य सेवा विभाग के माध्यम से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय के 2012 के निर्देशों के अनुपालन में तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए दोनों तरफ से ट्रैक को बेहतर बनाया गया है तथा इसे 12 फीट तक चौड़ा किया गया है। 

इसके अलावा, पूरे यात्रा क्षेत्र में सफाई व्यवस्था की जा रही है तथा इसका कार्य जम्मू-कश्मीर सरकार के ग्रामीण स्वच्छता निदेशालय को सौंपा गया है। इसके अलावा, दोनों आधार शिविरों में पानी, बिजली आपूर्ति की व्यवस्था की गई है, जबकि ऊपरी क्षेत्रों में ये व्यवस्थाएं अग्रिम चरण में हैं तथा कुछ दिनों में पूरी हो जाएंगी। 

अधिकारियों ने बताया कि हेलिकॉप्टर सेवाओं की व्यवस्था की गई है तथा बालटाल ट्रैक पर श्रीनगर से पहलगाम तथा श्रीनगर से नीलग्राथ तक सीधी हेलिकॉप्टर सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। सूत्रों ने बताया कि पवित्र गुफा के निकट 2022 की आपदा के मद्देनजर, एसएएसबी ने तीर्थयात्रियों और सेवा प्रदाताओं की समग्र सुरक्षा के लिए पवित्र गुफा से सटे आपदा संभावित क्षेत्रों के पास कोई भी शिविर स्थापित नहीं करने का फैसला किया है। 

पवित्र गुफा के निकट 2022 में आपदा का कारण बनने वाले नाले को भी दोनों तरफ सुरक्षा दीवार का निर्माण करके और तल को गहरा करके नियंत्रित कर दिया गया है ताकि जब पानी उफान पर हो तो पवित्र गुफा के नीचे बहने वाली उमरावती धारा में पानी बह सके। 

इसके अलावा, पवित्र गुफा और निचली पवित्र गुफा क्षेत्र में लगभग 10 घाटों का निर्माण किया गया है, जहां पर्याप्त संख्या में तीर्थयात्री अनुष्ठान स्नान कर सकते हैं, जो गुफा मंदिर में दर्शन से पहले अनिवार्य है। 

एहतियात के तौर पर तीर्थयात्रियों और सेवा प्रदाताओं की सुरक्षा के लिए दोनों पटरियों पर लगभग 14 किलोमीटर क्षेत्र के संवेदनशील स्थानों को दोनों तरफ से रेलिंग से ढक दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि दोनों ट्रैक पर दो दर्जन पुल भी बनाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि बालटाल ट्रैक के जरिए देश के विभिन्न हिस्सों से पवित्र गुफा आने वाले तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए श्रीनगर के पंथा चौक पर नवनिर्मित तीन मंजिला यात्री निवास का उपयोग इस साल तीर्थयात्रियों के आरामदायक आवास के लिए किया जाएगा। 

हालांकि पंथा चौक पर छह मंजिला यात्री निवास का निर्माण अभी भी जारी है, लेकिन जिस तीन मंजिला पर काम पूरा हो चुका है, उसका उपयोग तीर्थयात्रियों के आवास के लिए किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि यात्री निवास में दो लंगर भी स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने बताया कि पवित्र गुफा में चिकित्सा सुविधाएं, सुरक्षा, पानी और बिजली आपूर्ति एक-दो दिन में पूरी हो जाएगी, जबकि बालटाल ट्रैक और नुनवान-चंदनवाड़ी मार्ग से पवित्र गुफा तक दोनों ट्रैक पर लंगर स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। 

अधिकारियों ने बताया कि पहले की तरह अधिकारियों ने तीर्थयात्रियों के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिटी चिप अनिवार्य कर दी है और इसके बिना किसी भी यात्री को तीर्थयात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस बीच, इस साल वार्षिक तीर्थयात्रा पर जाने वाले साधु देश के विभिन्न हिस्सों से यहां पहुंचने लगे हैं। साधु यहां पुरानी मंडी मंदिर पहुंच गए हैं, जहां मंदिर प्रबंधन हर साल उनके लिए मुफ्त लंगर चलाने के अलावा उनके रहने-खाने की भी व्यवस्था करता है। 

दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में हिमालय की गहराई में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा की 52 दिवसीय वार्षिक अमरनाथ यात्रा 19 अगस्त को रक्षाबंधन के त्योहार के साथ ही श्रावण पूर्णिमा पर समाप्त होगी। इस साल देशभर में तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण 15 अप्रैल से शुरू हो गया था।

Web Title: Amarnath Yatra is going to start on from 29 June, preparations going on war footing

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