जम्मू: मौसम में सुधार के बाद अमरनाथ यात्रा एक दिन स्थगित रहने के बाद बहाल कर दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण यात्रा को एक दिन रोका गया था परंतु आज वीरवार को यात्रा बालटाल मार्ग से फिर से शुरू हो गई। हालांकि खराब मौसम के कारण जम्मू से इसे स्थगित कर दिया गया। पहले से दी गई सूचना के तहत सुबह जम्मू से दक्षिण कश्मीर हिमालय में स्थित अमरनाथ गुफा तक तीर्थयात्रियों के किसी भी नए जत्थे को जाने की अनुमति नहीं दी गई। पर अगर अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के सूत्रों की मानें तो इस बार अमरनाथ यात्रा को दस दिन पहले ही समाप्त कर दिया जाएगा। इसके प्रति आज फैसला लिया जाएगा कि कल से जम्मू से कोई भी जत्था बालटाल और पहलगाम के लिए रवाना नहीं होगा क्योंकि कश्मीर वादी में खराब मौसम के कारण यात्रा मार्ग अब चलने लायक नहीं रहे हैं और मौसम भी बेदर्द होने लगा है। जबकि अब जम्मू आने वाले श्रद्धालु भी नजर नहीं आ रहे हैं।
यही कारण है कि इस बार की अमरनाथ यात्रा को 10 दिन पहले ही संपन्न कर दिया जाएगा। प्रशासन के मुताबिक, 31 जुलाई को जम्मू के भगवती नगर कैंप से कोई यात्रा काफिला नहीं गया है। अमरनाथ यात्रा मार्गों पर खराब मौसम की स्थिति को देखते हुए, अत्यधिक सावधानी के तौर पर, अमरनाथ जी यात्रा का काफिला 31 जुलाई, 2025 को जम्मू के भगवती नगर से आगे नहीं बढ़ा।
जम्मू से अमरनाथ यात्रियों का आखिरी जत्था 30 जुलाई को रवाना हुआ जो 31 जुलाई को श्रीनगर के पहलगाम के रास्ते बाबा बर्फानी के दर्शनों के लिए रवाना हुआ। 31 जुलाई से जम्मू से कोई यात्री श्रीनगर के लिए भी रवाना नहीं होगा जिसका मतलब यह है कि 9 अगस्त को संपन्न होने वाली यात्रा को 31 जुलाई को ही संपन्न करा दिया गया है।
इस बार की अमरनाथ यात्रा के दौरान अब तक 3.93 लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र गुफा में दर्शन कर चुके हैं। जम्मू कश्मीर में मौसम बहुत ही खराब बना हुआ है जिसके चलते बुधवार को पहलगाम और बालटाल के रास्ते किसी भी श्रद्धालुओं को पवित्र गुफा की तरफ जाने की इजाजत नहीं दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लेते हुए इस बार की यात्रा को समय से पहले ही स्थगित करने का फैसला लिया है।
जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार कहते थेकि यात्रा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण आधार शिविरों से तीर्थयात्रियों की आवाजाही प्रभावित हुई है। इसलिए, यह निर्णय लिया गया है कि 31 जुलाई, 2025 को जम्मू के भगवती नगर से बालटाल और नुनवान आधार शिविरों की ओर किसी भी काफिले की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों को समय-समय पर स्थिति से अवगत कराया जाएगा।