हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘दबदबे’ को खारिज करने के लिए मित्र शक्तियों को हाथ मिलाने की जरूरत: फ्रांस

By भाषा | Published: December 16, 2021 07:43 PM2021-12-16T19:43:33+5:302021-12-16T19:43:33+5:30

Allied powers need to join hands to reject 'dominance' in Indo-Pacific: France | हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘दबदबे’ को खारिज करने के लिए मित्र शक्तियों को हाथ मिलाने की जरूरत: फ्रांस

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में ‘दबदबे’ को खारिज करने के लिए मित्र शक्तियों को हाथ मिलाने की जरूरत: फ्रांस

नयी दिल्ली, 16 दिसंबर फ्रांस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसकी रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली की भारत यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए फ्रांस की रणनीति में उसकी ‘केंद्रीयता’ को उजागर करती है। उसने मित्र शक्तियों से कानून के शासन की एकजुटता के साथ रक्षा करने तथा क्षेत्र में सभी तरह के ‘दबदबे’ को खारिज करने का आह्वान किया।

फ्रांस के दूतावास ने कहा कि पार्ली शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग, औद्योगिक साझेदारी और आतंकवाद के खतरे से निपटने के तरीकों पर व्यापक बातचीत करेंगी।

दूतावास ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करेंगी और क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से भी वार्ता करेंगी। पार्ली ने पिछले साल सितंबर में मुख्य रूप से अंबाला में एक समारोह में भाग लेने के लिए भारत का दौरा किया था, जो भारतीय वायु सेना में पांच राफेल विमानों की पहली खेप को शामिल करने के लिए आयोजित किया गया था।

दूतावास ने कहा कि तब से महामारी के व्यवधानों के बावजूद समय पर कुल 33 राफेल जेट भारत को सौंपे जा चुके हैं।

दूतावास ने एक बयान में कहा कि पार्ली भारत-फ्रांस रणनीतिक और रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए शुक्रवार को भारत की आधिकारिक यात्रा पर होंगी। उसने कहा, ‘‘यह यात्रा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में फ्रांस की भागीदारी और फ्रांस की रणनीति में भारत की केंद्रीयता को उजागर करती है।’’

बयान में कहा गया, ‘‘पार्ली, कानून के शासन की रक्षा के लिए मित्र शक्तियों को एक साथ लाकर, क्षेत्र के देशों के वास्ते एक सकारात्मक एजेंडा की पेशकश करने और सभी प्रकार के दबदबे को खारिज करके हिंद-प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों का जवाब देने के लिए फ्रांस और भारत की संयुक्त प्रतिबद्धता पर जोर देंगी।’’

वर्ष 2017 से पार्ली की भारत की यह चौथी यात्रा होगी।

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Web Title: Allied powers need to join hands to reject 'dominance' in Indo-Pacific: France

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