सहयोगी इंडियन सेक्यूलर फ्रंट सांप्रदायिक नहीं : माकपा
By भाषा | Updated: March 4, 2021 19:00 IST2021-03-04T19:00:16+5:302021-03-04T19:00:16+5:30

सहयोगी इंडियन सेक्यूलर फ्रंट सांप्रदायिक नहीं : माकपा
कोलकाता, चार मार्च पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव जीतने के लिये इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ गठजोड़ के बाद वाम दलों पर सांप्रदायिक ताकतों से हाथ मिलाने के लग रहे आरोपों के बीच माकपा ने दावा किया कि नयी पार्टी कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों से अलग है।
हुगली जिले के फुरफुरा शरीफ में पिछले महीने प्रभावी मुस्लिम मौलवी अब्बास सिद्दिकी ने आईएसएफ बनाई थी। वाम-कांग्रेस-आईएसएफ महागठबंधन के तहत वाम मोर्चा ने आईएसएफ के लिये 30 सीटें छोड़ने पर सहमति व्यक्त की थी। आईएसएफ और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बात चल रही है।
माकपा के पश्चिम बंगाल महासचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि गठजोड़ सिर्फ चुनाव के मद्देनजर नहीं किया गया है, बल्कि लोगों के जीवन व आजीविका तथा धर्मनिरपेक्षता तथा लोकतंत्र के खिलाफ हमलों को ध्यान में रखकर लंबी लड़ाई के लिये किया गया है।
सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा दोनों का दावा है कि वाम मोर्चे ने आईएसएफ जैसी “सांप्रदायिक ताकत” से हाथ मिला लिया है।
माकपा के बांग्ला मुखपत्र ‘गणशक्ति’ के बृहस्पतिवार के संस्करण में प्रकाशित एक साक्षात्कार में मिश्रा ने कहा, “आईएसएफ एक सांप्रदायिक ताकत नहीं है। यह कट्टरपंथी सांप्रदायिक ताकतों से अलग है।”
ब्रिगेड परेड मैदान की रैली में जुटी भारी भीड़ से टीएमसी और भाजपा के समीकरण गड़बड़ाने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि आईएसएफ अनुसूचित जाति, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यक समुदायों के साथ ही अगड़ी जाति के हिंदुओं तथा आदिवासियों की भी बात करती है।
वाम-कांग्रेस-आईएसएफ गठबंधन ने पश्चिम बंगाल के आगामी विधानसभा चुनावों के लिये अपने प्रचार अभियान की शुरुआत 28 फरवरी को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में एक बड़ी रैली आयोजित कर की थी।
वाम दलों के चुनावों के लिये अपनी विचारधारा छोड़ने से इनकार करते हुए मिश्रा ने कहा, “वाम दलों ने राज्य की मौजूदा परिस्थितियों में महागठबंधन बनाकर एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है।”
उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में कथित सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के सामने लोगों को एक साथ लेकर आने की जरूरत थी।
उन्होंने इस आकलन को भी गलत बताया कि गठबंधन में आईएसएफ को शामिल करने से भाजपा को हिंदुओं को अपने साथ लाने में मदद मिलेगी, उन्होंने दावा किया कि हिंदू भी मुसलमानों जितने ही खतरे में हैं और उनका जीवन व आजीविका भी दांव पर है।
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