कोविड के कारण मौत की आशंका के चलते अग्रिम जमानत संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर रोक

By भाषा | Updated: May 25, 2021 17:44 IST2021-05-25T17:44:22+5:302021-05-25T17:44:22+5:30

Allahabad High Court's comment on anticipatory bail stopped due to fear of death due to Kovid. | कोविड के कारण मौत की आशंका के चलते अग्रिम जमानत संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर रोक

कोविड के कारण मौत की आशंका के चलते अग्रिम जमानत संबंधी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की टिप्पणी पर रोक

नयी दिल्ली, 25 मई उच्चतम न्यायालय ने धोखाधड़ी के एक मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा एक आरोपी को अग्रिम जमानत देते हुए दिये गये ‘व्यापक’ निर्देशों पर मंगलवार को रोक लगा दी। उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उसे जमानत दी थी कि कोविड-19 संक्रमण के चलते मौत की आशंका राहत देने का वैध आधार हो सकती है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालतें अन्य मामले में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा 10 मई को जारी किये गये निर्देशों पर विचार नहीं करेंगी।

न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘व्यापक निर्देश जारी किये गये हैं और हम उनपर रोक का निर्देश देते हैं। अदालतें अन्य मामलों में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने के लिए इन निर्देशों पर विचार नहीं करेंगी और वे हर मामले के गुण-दोष पर गौर करेंगी।’’

पीठ ने वरिष्ठ वकील वी गिरि को इस मामले में इस व्यापक पहलू पर मदद के लिए न्यायमित्र नियुक्त किया कि क्या कोविड अग्रिम जमानत देने का आधार हो सकता है।

शीर्ष अदालत उत्तर प्रदेश सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उच्च न्यायालय के 10 मई के आदेश को चुनौती दी गयी है।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इस आरोपी (प्रतीक जैन) के विरूद्ध 130 मामले लंबित हैं। उसे जनवरी, 2022 तक अग्रिम जमानत दी गयी है।

पीठ ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि अदालत द्वारा जारी किये गये व्यापक निर्देश से आप परेशान हैं। हम इस मामले में नोटिस जारी करेंगे।’’

शीर्ष अदालत ने जैन से जवाब मांगा और कहा कि यदि वह सुनवाई की अगली तारीख पर पेश नहीं होते हैं तो वह उनकी जमानत रद्द करने पर विचार कर सकती है।

मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।

शीर्ष अदालत 18 मई को राज्य सरकार की अपील पर सुनवाई के लिए राजी हो गयी थी।

उच्च न्यायालय ने 10 मई को कहा था, ‘‘ यदि कोई आरोपी नियंत्रण से परे किन्हीं कारणों से मर जाता है जबकि उसे अदालत मौत से बचा सकती थी, तो ऐसे में उसे अग्रिम जमानत से इनकार करना व्यर्थ कवायद होगी। इसलिए कोरोना वायरस की इस वर्तमान महामारी जैसे कारणों से मौत की आशंका निश्चित ही आरोपी को अग्रिम जमानत देने का आधार हो सकती है।

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Web Title: Allahabad High Court's comment on anticipatory bail stopped due to fear of death due to Kovid.

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