अब एसी केबिन में बैठकर ट्रक चलाएंगे ड्राइवर, सभी ट्रक केबिनों को 2025 से अनिवार्य रूप से वातानुकूलित करना होगा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: June 20, 2023 03:00 PM2023-06-20T15:00:51+5:302023-06-20T15:02:37+5:30
19 जून को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में ट्रक केबिन में एसी को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस काम को करने के लिए 18 महीने की अवधि दी गई है।
नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है जिसमें सभी ट्रक केबिनों को 2025 से अनिवार्य रूप से वातानुकूलित करने की बात कही गई थी। देश की अर्थव्यवस्था को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ट्रक चालकों को पसीने से तर बतर होकर केबिन में रोज 10 से 12 घंटे भीषण गर्मी में बिताने की मजबूरी थी।
कठिन काम की स्थिति और सड़क पर लंबे समय तक काम करना अक्सर ड्राइवर की थकान और दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण बनता था। हालांकि वोल्वो और स्कैनिया जैसे वैश्विक निर्माताओं द्वारा निर्मित हाई-एंड ट्रक पहले से ही वातानुकूलित केबिन के साथ आते हैं। कई वर्षों तक इस मुद्दे पर बहस के बावजूद अधिकांश भारतीय ट्रक निर्माता कंपनियां अभी तक इस दिशा में आगे नहीं बढ़ रही थीं।
सोमवार, 19 जून को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने घोषणा की कि उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक में ट्रक केबिन में एसी को अनिवार्य करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस काम को करने के लिए 18 महीने की अवधि दी गई है।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "हमारे देश में, कुछ ड्राइवर 12 या 14 घंटे के लिए ट्रक चलाते हैं जबकि अन्य देशों में, बस और ट्रक ड्राइवरों के ड्यूटी पर रहने के घंटों की संख्या निर्धारित है। हमारे ड्राइवर 43 से 47 डिग्री के तापमान में वाहन चलाते हैं और हमें ड्राइवरों की स्थिति की कल्पना करनी चाहिए। मैं मंत्री बनने के बाद एसी केबिन पेश करने का इच्छुक था। लेकिन कुछ लोगों ने यह कहते हुए इसका विरोध किया कि लागत बढ़ जाएगी। आज (सोमवार) मैंने फाइल पर हस्ताक्षर किए हैं कि सभी ट्रक केबिन एसी केबिन होंगे।"
नितिन गडकरी ने कहा ने आगे कहा, "सड़क परिवहन मंत्रालय ने पहली बार 2016 में इस कदम का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर ऑटोमोबाइल उद्योग ने मांग की थी कि प्रावधान वैकल्पिक होना चाहिए। उनमें से कुछ ने यह भी दावा किया था कि चालकों को एसी केबिन में नींद आ सकती है। बस ड्राइवरों के बारे में हमारी हमेशा एक ही धारणा थी और ड्राइवरों के केबिन सालों से नॉन-एसी थे। लेकिन वॉल्वो बसों के आने से यह धारणा खत्म हो गई और अब सभी लग्जरी बसों में ड्राइवरों के लिए भी एसी केबिन हैं।"
एक अनुमान के मुताबिक, ट्रकों में एसी केबिन उपलब्ध कराने पर प्रति ट्रक 10,000 रुपये से लेकर 20,000 रुपये तक का अतिरिक्त खर्च आएगा।