एआईआर अनाउंसर को महंगा पड़ा ट्वीट, सेवाओं से किया मुक्त, थाने में दर्ज कराई गई शिकायत
By अभिषेक पारीक | Published: June 11, 2021 08:43 PM2021-06-11T20:43:35+5:302021-06-11T20:49:58+5:30
ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) शिमला में कार्यरत एक कैजुअल अनाउंसर को ट्विटर पर अपनी परेशानी बताना महंगा पड़ गया। महिला को आकाशवाणी की सेवा से स्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।
ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) शिमला में कार्यरत एक कैजुअल अनाउंसर को ट्विटर पर अपनी परेशानी बताना महंगा पड़ गया। महिला को ना सिर्फ आकाशवाणी की सेवा से स्थायी तौर पर प्रतिबंधित कर दिया गया, बल्कि उसके खिलाफ आत्महत्या की धमकी देने और दूसरों को उकसाने के लिए स्थानीय पुलिस थाने में एक शिकायत भी दर्ज कराई गई है।
रमा ठाकुर पिछले 15 साल से एआईआर शिमला में कैजुअल अनाउंसर है। उन्होंने 6 मई को एक ट्वीट किया था। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और निर्मला सीतारमण और प्रसार भारती के सीईओ शशि वेंपती को टैग किया था। जिसके बाद अब जाकर कार्रवाई की गई है।
वेतन नहीं मिलने से थी परेशान
रमा ठाकुर ने अपनी परेशानी को बयां करते हुए पहले ट्वीट में लिखा, 'कृपया यह बताएं कि कौन-सा सरकारी विभाग ऐसा है, जहां छह महीने काम करने के बाद एक या दो महीने का ही वेतन दिया जाता है। आकाशवाणी के कैजुअल स्टाफ कैसे अपना घर चलाएंगे। आकाशवाणी शिमला में अधिकारी अपने चहेतों को पूरी ड्यूटी देते हैं, लेकिन बाकी कहां जाएं?'
सामूहिक आत्महत्या की धमकी दी
इसके साथ ही महिला ने दूसरा ट्वीट भी किया जिसमें उन्होंने लिखा, 'कैजुअल्स स्टाफ खुदकुशी करने की स्थिति में आ गए हैं और अब सामूहिक रूप से जब कैजुअल्स आत्महत्या करेंगे, तो विभाग और मंत्रालय की नींद खुलेगी। मगर यह आत्महत्याएं नहीं, बल्कि हत्या होगी। जिसके लिए हमारा स्टेशन, प्रसार भारती और मंत्रालय जिम्मेदार होगा। इस अनर्थ से पहले हमारा नियमितीकरण कर दें, ताकि हमारे परिवार भी जीएं। '
कार्यमुक्त करने के दिल्ली से आए आदेश
प्रोग्रामिंग हैड उमेश कश्यप के मुताबिक, उन्हें कार्यमुक्त करने के आदेश दिल्ली से आए हैं। उन्होंने बताया कि ठाकुर की सेवाओं को स्थायी तौर पर समाप्त कर दिया गया है।