अखिलेश यादव बोले- रामराज्य और समाजवाद तभी आएगा जब जातीय जनगणना होगी, अतीक हत्याकांड पर योगी सरकार को घेरा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: April 22, 2023 04:04 PM2023-04-22T16:04:28+5:302023-04-22T16:05:57+5:30
ईद के मौके पर लखनऊ में ऐशबाग स्थित ईदगाह पहुंचकर अखिलेश यादव ने लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इसके बाद अखिलेश ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए कहा कि जातीय जनगणना से ही लोकतंत्र मजबूत होगा। जातीय जनगणना से ही समाजवाद आएगा और जातीय जनगणना से ही रामराज्य आएगा।
लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग फिर से उठाई है। अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में कहा कि रामराज्य और समाजवाद तभी संभव है, जब जातिगत जनगणना हो।
अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में कहा, "जातीय जनगणना से ही भाईचारा आएगा, जातीय जनगणना से ही भेदभाव खत्म होगा, जातीय जनगणना से ही लोकतंत्र मजबूत होगा। जातीय जनगणना से ही समाजवाद आएगा। जातीय जनगणना से ही रामराज्य आएगा।"
"रामराज्य, समाजवाद तभी संभव है जब जातीय जनगणना हो। जातीय जनगणना होने के बाद ही सबका साथ सबका विकास होगा, भाईचारा आएगा, भेदभाव खत्म होगा, लोकतंत्र मजबूत होगा।"
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) April 22, 2023
- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी pic.twitter.com/iLE4VwJ6U0
ईद के मौके पर लखनऊ में ऐशबाग स्थित ईदगाह पहुंचकर अखिलेश यादव ने लोगों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इसके बाद अखिलेश ने मीडिया कर्मियों से बात करते हुए उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और अतीक अहमद की पुलिस कस्टडी में हत्या का मुद्दा भी उठाया। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, "अतीक अहमद की हत्या के बारे में व्हाट्सएप पर दिल्ली और नोएडा से सवाल पूछे जा रहे हैं। आप मुझसे नहीं बल्कि अधिकारियों और सरकार से सवाल पूछ सकते हैं। मेरा इतना ही कहना है कि भय का माहौल नहीं होना चाहिए और किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। यूपी में अपराध अपने चरम पर पहुंच गया है और अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।"
अखिलेश यादव ने आगे कहा, "महंगाई और बेरोजगारी अपने उच्चतम स्तर पर है। किसानों के संबंध में क्या सरकार ने कोई व्यवस्था की कि किसानों से गेहूं कैसे खरीदा जाए? उनका बेरोजगारी खत्म करने का कार्यक्रम भी विफल रहा। वे महंगाई रोकने में भी विफल रहे।"
बता दें कि देश के कई राज्यों और राजनीतिक दलों द्वारा जाति जनगणना की मांग की जा रही है। कुछ दिनों पहले ही आम आदमी पार्टी ने भी इसका समर्थन किया था। बिहार में ये काम शुरू भी हो चुका है। बिहार में जाति जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत 15 अप्रैल से हो गई है। दूसरे चरण में जाति जनगणना मोबाइल ऐप - बीजगा (बिहार जाति अधारित गणना) के जरिए की जाएगी जिसमें 17 कॉलम और 214 जाति के नामों की सूची है। हर जाति के लिए अगल कोड की व्यवस्था की गई है। यानी अब जातियों की पहचान उनके कोड संख्या के जरिए होगी। अब अंकों से पता चल जाएगा कि कौन किस जाति का है। बिहार सरकार ने पिछले साल (2022) में दो जून को जातिगत सर्वेक्षण को मंजूरी दी थी।