विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकेंगे अखिलेश-शिवपाल, सपा मुख्यालय में विधायकों को सिखाया गया वोट डालने का तरीका
By राजेंद्र कुमार | Published: February 25, 2024 05:41 PM2024-02-25T17:41:32+5:302024-02-25T17:42:43+5:30
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अपने आठवें उम्मीदवार को जिताने के लिए जो राजनीतिक हथकंडे अपना रहे हैं, उसे देखते हुए सपा नेताओं को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका है।
लखनऊ: राज्यसभा चुनाव के पहले हुई समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायकों की बैठक में चार विधायक नहीं आए। ऐसे में अब यूपी का राज्यसभा चुनाव बेहद रोमांचक हो गया है। सपा के लिए एक-एक वोट कीमती होने लगा है। उसे अपने तीसरे उम्मीदवार को जीतने के लिए केवल तीन वोटों की जरूरत है। इस गणित को ध्यान में रखते हुए ही रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने विधायकों को वोट देने का तरीका सिखाया। इसके साथ ही यह तय हुआ है कि बैठक में नहीं आने वाले विधायकों को अखिलेश और शिवपाल यादव मनाएंगे। राज्यसभा के चुनाव में विधायकों पर पार्टी का व्हिप लागू नहीं होता है। बस पोलिंग एजेंट को दिखाना पड़ता है कि वोट किसे दिया। इसीलिए दल बदल विरोधी कानून के तहत विधायकों की सदस्यता नहीं जा सकती है। इस कारण से ही अखिलेश और शिवपाल पार्टी के विधायकों को क्रॉस वोटिंग करने से रोकने के लिए सक्रिय हुए हैं।
बैठक में गैरहाजिर रहे विधायक
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अपने आठवें उम्मीदवार को जिताने के लिए जो राजनीतिक हथकंडे अपना रहे हैं, उसे देखते हुए सपा नेताओं को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की आशंका है। ऐसे में कई विधायकों शनिवार और रविवार को भी बैठक से दूर रहने से सपा नेताओं की चिंता बढ़ गई है। सपा नेताओं के अनुसार रविवार को भी अतुल प्रधान, पंकज मल्लिक, पूजा पाल, नफीस अहमद जैसे कई विधायक बैठक में नहीं आए। अपना दल कमेरावादी पार्टी की नेता पल्लवी पटेल भी सपा की बैठक में शामिल नहीं हुई। पल्लवी पटेल सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल निशान पर चुनाव जीती हैं। वह राज्यसभा चुनाव में किसी पिछड़े को टिकट न देने से वे नाराज हैं, हालांकि उन्होंने सपा के राज्यसभा उम्मीदवार रामजी लाल सुमन को वोट देने का वादा किया है, लेकिन वह सपा की बैठक में शामिल होने रविवार को भी नहीं आई।
इस कारण से उन्हे लेकर सपा नेता संशय में हैं, जबकि सपा के कुछ विधायक किसी मुस्लिम नेता को राज्यसभा ना भेजे जाने को लेकर नाराज हैं। पार्टी विधायकों के रविवार को भी बैठक में ना आने को लेकर सपा के प्रमुख प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी का कहना है कि बैठक में गैरहाजिर रहने वाले अधिकतर विधायकों ने फोन कर न आने की पहले ही दे दी थी। पार्टी के सभी विधायक उनके साथ हैं और सोमवार वह पार्टी की बैठक में मौजूद रहेंगे।
अपने - अपने दावे
राजेंद्र चौधरी के इस दावे के विपरीत पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पार्टी की बैठक में गैरहाजिर रहने वाले विधायकों से संपर्क कर रहे हैं। ताकि उन्हे पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट कैसे करना है, यह बताया जा सके। राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 27 फरवरी को मतदान होना है। इसके लिए 11 प्रत्याशी मैदान में हैं, इनमें भाजपा के आठ और सपा के तीन प्रत्याशी हैं। एक प्रत्याशी को जिताने के लिए 37 विधायकों के मतों की जरूरत है। सपा को अपने तीनों प्रत्याशी जया बच्चन, रामजी लाल सुमन और यूपी के मुख्य सचिव रह चुके आलोक रंजन को जिताने के लिए 111 विधायकों के मत चाहिए।
वर्तमान में सपा के पास 108 विधायक हैं, इनमें दो विधायक रमाकान्त यादव और इरफान सोलंकी जेल में हैं। उन्हें वोट डालने के लिए जेल से लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा कांग्रेस के दो विधायकों का वोट सपा के उम्मीदवार को मिलेगा और राजा भैया तथा उनकी पार्टी के एक विधायक का वोट भी सपा को मिलने की बात कही जा रही है। ऐसे में अब सपा नेता एक-एक वोट को एकजुट रखने में जुटे हैं। अखिलेश और शिवपाल पार्टी के वोटों को एकजुट रखने के लिए अपने राजनीतिक अनुभव का इस्तेमाल कर रहे हैं। वही दूसरी तरफ भाजपा भी अपने आठवें उम्मीदवार संजय सेठ को जिताने के लिए नौ विधायकों के वोटों के जुगाड़ में जुटी हैं। भाजपा नेताओं का दावा है कि अतिरिक्त वोटों का इंतजाम कर लिया गया है।