आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण, वायुसेना को मिलेगी जमीन से हवा में मारने वाली मिसाइल, जानें खासियत, देखें वीडियो
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 21, 2021 07:45 PM2021-07-21T19:45:46+5:302021-07-21T19:56:39+5:30
हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर इस मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है।
बालेश्वरः भारत ने बुधवार को आकाश मिसाइल के नये संस्करण (आकाश-एनजी) का ओडिशा तट से सफल परीक्षण किया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सभी प्रकार की हथियार प्रणाली से लैस मिसाइल का परीक्षण दोपहर करीब पौने एक (12:45) बजे जमीन आधारित मंच से किया गया। हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीएल) ने रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) की प्रयोगशालाओं के साथ मिलकर इस मिसाइल प्रणाली को विकसित किया है।
DRDO has successfully flight tested the New Generation Akash Missile (Akash-NG) a Surface to Air Missile from Integrated Test Range (ITR) off the coast of Odisha today 21st July 2021. The flawless performance of the entire weapon system has been confirmed by complete flight data. pic.twitter.com/LldOF8aqGT
— DRDO (@DRDO_India) July 21, 2021
जमीन से हवा में मार करने की क्षमता से लैस इस मिसाइल का परीक्षण समेकित परीक्षण रेंज (आईटीआर) से किया गया। सूत्रों ने बताया कि परीक्षण के दौरान मिसाइल की उड़ान से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर सभी हथियार प्रणाली के सफल, बिना किसी गड़बड़ी के काम करने की पुष्टि हुई है। सेवा में आने के बाद आकाश-एनजी हथियार प्रणाली भारतीय वायुसेना के लिए बहुत महत्वपूर्ण और उसकी क्षमता को कई गुना बढ़ाने वाली साबित होगी।
डीआरडीओ ने टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल का सफल परीक्षण किया
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार को स्वदेश में विकसित कम वजन वाले ऐसी टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल का परीक्षण किया जिसे व्यक्ति के कंधे पर रख कर चलाया जा सकता है। इस सफल परीक्षण के साथ ही सेना द्वारा इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। रक्षा मंत्रालय ने मिसाइल के सफल परीक्षण को सरकार के ‘आत्मनिर्भर अभियान’ की दिशा में बड़ा कदम बताया। इस मिसाइल का विकास भारतीय सेना की लड़ाकू क्षमता विकसित करने के लिए किया जा रहा है।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए और भारतीय सेना को मजबूत करने के लक्ष्य से डीआरडीओ ने स्वदेश में विकसित कम वजन वाली, दागो और भूल जाओ, मैन पोर्टेबल टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल (एमपीएटीजीएम) का 21 जुलाई को सफल परीक्षण किया।’’
In a major boost to #AtmaNirbharBharat and strengthening Indian Army, Defence Research and Development Organisation (DRDO) successfully flight tested indigenously developed low weight, fire and forget Man Portable Antitank Guided Missile (MPATGM) today 21st July 2021. pic.twitter.com/kLEqrsgoOR
— DRDO (@DRDO_India) July 21, 2021
बताया गया है कि मिसाइल को थर्मल साइट से जुड़े मैन-पोर्टेबल लांचर से दागा गया और निशाना एक टैंक जैसी वस्तु को बनाया गया। मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘मिसाइल ने उसपर सीधे-सीधे सटीक निशाना लगाया और उसे नष्ट कर दिया। न्यूनतम दूरी तक हमले का सफल परीक्षण हुआ। मिशन के सभी लक्ष्य पूरे हुए।’’ बताया जा रहा है कि अधिकतम दूरी की मारक क्षमता के लिए मिसाइल का पहले ही सफल परीक्षण हो चुका है। रक्षा मंत्रालय राजनाथ सिंह ने डीआरडीओ और मिसाइल परियोजना में शामिल अन्य पक्षों को बधाई दी।