जम्मू-कश्मीरः आतंकवादियों ने चली ये खतरनाक चाल, बुलेट प्रूफ जैकट भी नहीं आएगी सुरक्षाबलों के काम
By रामदीप मिश्रा | Published: June 18, 2018 05:16 AM2018-06-18T05:16:34+5:302018-06-18T08:06:34+5:30
अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों द्वारा पहली बार इस तरह की गोली का इसी साल जनवरी में इस्तेमाल किया गया था, बुलेट प्रूफ ढाल के बावजूद भी अर्धसैनिक बल के एक सुरक्षाबल को गोली लगी थी।
नई दिल्ली, 18 जूनः जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी लगातार सुरक्षाबलों और आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। वह इसके लिए बंदूकों और बड़े हथियारों का सहारा ले रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से घाटी में आंतवादी घटनाएं बढ़ गई हैं। अब एक खबर के मुताबिक, आतंकवादी अपनी राइफल में स्टील से बनी गोली का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गोली बुलेट प्रूफ चीजों को भी भेद सकती है।
खबरों के मुताबिक, अधिकारियों का कहना है कि आतंकियों द्वारा पहली बार इस तरह की गोली का इसी साल जनवरी में इस्तेमाल किया गया था, बुलेट प्रूफ ढाल के बावजूद भी अर्धसैनिक बल के एक सुरक्षाबल को गोली लगी थी। यह हमला दक्षिण कश्मीर के लेथपुरा में सीआरपीएफ कैंप पर हुआ था, जिसे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने करवाया था।
बताया जा रहा है कि इस आतंकवादी घटना की जांच के बाद पता चला है कि आतंकियों ने क्लाश्निकोव (एके) राइफल से गोलियां दागी थीं, जोकि कठोर स्टील और टंगस्टन कार्बाइड से बनी हुई थीं। आमतौर पर इस तरह की राइफलों की गोलियों में सीसे के छर्रे पड़े होते हैं। हालांकि इस तरह की चीजें सामने आने के बाद अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस संबंध में कई कदम उठाए हैं।
इधर, रविवार को मोदी सरकार ने रमजान के महीने के दौरान जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियानों पर लगाई गई रोक को खत्म करने का ऐलान कर दिया और सुरक्षाबलों को निर्देश दिया कि वे सभी जरूरी कार्रवाई करें जिससे आतंकवादियों को हमले और हिंसा करने से रोका जाए।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया कि वे पहले की तरह सभी जरूरी कार्रवाई करें ताकि आतंकवादियों को हमले और हिंसा करने और हत्याएं करने से रोका जा सके। उन्होंने साफ किया कि सरकार राज्य में आतंक एवं हिंसा मुक्त माहौल बनाने का अपना प्रयास जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि शांतिप्रिय लोगों का हर तबका एक साथ आए ताकि आतंकवादियों को अलग-थलग कर उन्हें शांति की राह पर लौटने के लिए प्रेरित किया जा सके जो गुमराह किए गए हैं। केंद्र सरकार ने 17 मई को निर्णय लिया था कि रमजान के दौरान जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल आतंकवादियों के खिलाफ अभियान नहीं चलाएंगे। सरकार ने कहा था कि राज्य के शांतिप्रिय लोगों के हित में यह फैसला किया गया था ताकि रमजान के महीने में उन्हें अच्छा माहौल मिले।
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