अजय सिंह ने मीडिया से की मार्मिक अपील- मेरी मां निश्चित ही वृद्ध है पर लावारिस नहीं
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: June 22, 2018 05:06 PM2018-06-22T17:06:04+5:302018-06-22T17:06:04+5:30
अर्जुन सिंह की पत्नी यानी अजय सिंह की मांं हाल ही कोर्ट में अपने बेटों की ओर से बेदखल किए जाने का मामला लेकर गईं थीं।
भोपाल, 22 जून: नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने मीडिया के माध्यम से मां से मार्मिक अपील की है। उन्होंने मां से कहा है कि वे अदालत या सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करने की बजाय आप और मैं साथ बैठें और समस्या का समाधान करें। यह हमारे और परिवार के लिए बेहतर होगा। उन्होंने वर्तमान हालात के लिए बहन वीणा सिंह को दोषी बताया।
यह दु:खद है और किसी भी परिवार के लिए अत्यंत दर्दनाक भी है, जब घरेलू विवादों को चौराहे पर घसीटा जाए। खासकर तब जब पूरे तमाशे का इरादा केवल राजनीतिक हो। मेरी मां निश्चित ही वृद्ध है पर लावारिस नहीं क्योंकि उनके दो बेटे हैं। मेरे पूज्य पिताजी के स्वर्गवास के बाद कई सालों तक मैं माताजी को भोपाल लाने का प्रयास और अनुरोध करता रहा, पर मैं असफल और असमर्थ रहा। कोई एक ऐसी शक्ति थी जो उन्हें हमसे ज्यादा प्रभावित और संचालित कर रही थी। दुर्भाग्य से वह हमारे ही परिवार की सदस्य हैं।
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वर्तमान में हालात ऐसे हैं कि वे हमारी बहन वीना सिंह के बगैर कहीं और रहना नहीं चाहती और वीना सिंह हमारे साथ रह नहीं सकती क्योंकि राजनीतिक कारणों से हमारे उनके रिश्ते कई वर्षो से सामान्य नहीं हैं। इन सबके बावजूद मैं उनसे मिलने और उनके संबल बनने की हमेशा कोशिश करता रहा हूं। उन्होंने न तो मुझसे बात करना उचित समझा और न ही इस दुविधा को सुलझाने में कोई रुचि दिखाई।
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मेरे पिता की मेरे जेहन में गौरवशाली और प्रतिष्ठित छवि है इसलिए इस पारिवारिक विषय पर उनकी प्रतिष्ठा और छवि को कम से कम मैं जरूर ध्यान रखूंगा, क्योंकि एक पुत्र पिता की प्रतिष्ठा को बढ़ाता है जिसका मैंने सदैव अपने व्यक्तिगत और सार्वजनिक जीवन में प्रयास किया है, इसलिए इस पर ज्यादा नहीं कहूंगा। यह पूरा मामला कोर्ट में है। मैं तो सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा कि मुझ पर लगाए गए आरोपों से मैं अत्यंत व्यथित हूं क्योंकि मेरी मां ने किसी के बहकाने पर जो कुछ कहा वह सरासर झूठा है। वक्त मुङो इंसाफ देगा।
मैं अपनी मां से एक प्रार्थना करते हुए एक संदेश देना चाहूंगा कि वे अपने आपको उन लोगों से स्वतंत्र कर लें जिन्होंने आपको भावनात्मक रूप से अपने वश में कर रखा है। बेहतर यह होगा कि अदालत या सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर चर्चा करने के बजाय आप और मैं साथ बैठें और समस्याओं का निराकरण करें।