केंद्रीय गृह मंत्रालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में काम कर रहे अजय कुमार भल्ला को गुरुवार को देश का नया गृह सचिव नियुक्त किया गया। यह जानकारी एक आधिकारिक आदेश में दी गई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट नियुक्ति समिति ने नए गृह सचिव के रूप में भल्ला की नियुक्ति को मंजूरी प्रदान कर दी। वह राजीव गौबा की जगह लेंगे जिन्हें बुधवार को नया कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया था।
भल्ला 1984 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। 24 जुलाई को गृह मंत्रालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले वह केंद्रीय ऊर्जा सचिव थे। गृह सचिव के रूप में अगस्त 2021 तक उनका दो साल का कार्यकाल होगा।
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा कैबिनेट सचिव नियुक्त
केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा को बुधवार को दो साल के कार्यकाल के लिए अगला कैबिनेट सचिव नियुक्त किया गया। झारखंड कैडर के 1982 बैच के आईएएस अधिकारी गौबा शुरू में कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी के तौर पर काम संभालेंगे और बाद में मौजूदा कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा की जगह देश के शीर्ष नौकरशाह का पद ग्रहण करेंगे।
एक सरकारी आदेश के अनुसार, ‘‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने कैबिनेट सचिव के तौर पर राजीव गौबा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। उनका कार्यकाल 30 अगस्त 2019 से दो साल या अगले आदेश, जो भी पहले हो, तक होगा।’’
आदेश के मुताबिक, ‘‘कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने राजीव गौबा की कैबिनेट सचिवालय में विशेष कार्याधिकारी के तौर पर नियुक्ति को भी मंजूरी दे दी है। वह कार्यभार संभालने से लेकर कैबिनेट सचिव का पद संभालने तक इस पद पर रहेंगे।’’
गौबा ने 31 अगस्त, 2017 को गृह सचिव के तौर पर कामकाज संभाला था। 60 वर्षीय गौबा केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय में सचिव, गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव समेत कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं। गौबा को केंद्र और राज्य सरकारों दोनों में तथा अंतरराष्ट्रीय संगठनों में नीति निर्माण एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन के क्षेत्र में वरिष्ठ पदों पर रहने का व्यापक अनुभव है।
पंजाब में जन्मे गौबा ने पटना विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक किया था। वह 15 महीने तक झारखंड के मुख्य सचिव रहे और बाद में 2016 में केंद्र सरकार की सेवा में लौट आए। उन्होंने चार साल तक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के बोर्ड में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
गृह सचिव के तौर पर उन्हें आंतरिक सुरक्षा, जम्मू कश्मीर और पूर्वोत्तर में उग्रवाद, मध्य तथा पूर्वी भारत में नक्सली समस्या समेत अन्य विषयों को संभालने का अनुभव है। जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून का मसौदा तैयार करने में भी उनकी अहम भूमिका रही।