अजय चौटाला ने छोटे भाई अभय सिंह से की मुलाकात, पारिवारिक कलह खत्म होने की आस
By भाषा | Updated: October 29, 2019 09:10 IST2019-10-29T06:08:08+5:302019-10-29T09:10:50+5:30
अजय चौटाला ने सिरसा जिले में तेजा खेड़ा में अपने परिवार के फार्महाउस में अभय से मुलाकात की। इस दौरान उनके चाचा रंजीत सिंह चौटाला भी मौजूद रहे जो 21 अक्टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए।

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हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला ने उनसे अलग हुए छोटे भाई अभय चौटाला से सोमवार को मुलाकात की। अजय के बेटे दुष्यंत चौटाला ने भाजपा के नेतृत्व वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार में राज्य के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। दोनों भाइयों के बीच मुलाकात ने चौटाला परिवार के शुभचिंतकों तथा उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच उम्मीद पैदा कर दी है कि पारिवारिक झगड़ा जल्द ही बीते जमाने की बात हो सकती है।
गौरतलब है कि इस झगड़े के चलते पिछले साल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) दो धड़ों में बंट गया था। शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने पिता ओमप्रकाश चौटाला के साथ जेल की सजा काट रहे अजय चौटाला ने रविवार को दो सप्ताह के फरलो पर तिहाड़ जेल से रिहा होने के एक दिन बाद अपने भाई से मुलाकात की।
अजय चौटाला ने सिरसा जिले में तेजा खेड़ा में अपने परिवार के फार्महाउस में अभय से मुलाकात की। इस दौरान उनके चाचा रंजीत सिंह चौटाला भी मौजूद रहे जो 21 अक्टूबर को हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्दलीय विधायक के तौर पर निर्वाचित हुए। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दोनों भाइयों ने गर्मजोशी से मुलाकात की और कुछ समय तक जोश के साथ बात की।
उन्होंने बताया कि अलग होने के बाद से अब दोनों भाई दीवाली जैसे मौके पर खुशी के साथ मिले। दोनों कुछ महीने पहले अपनी मां स्नेहलता के निधन के बाद शोकाकुल माहौल में मिले थे। अजय चौटाला ने कहा, ‘‘मैंने पहले कहा था कि हम उन्हें दोबारा सोचने पर विवश करेंगे। मैंने कहा था कि हम ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न करेंगे कि चौधरी ओमप्रकाश चौटाला और इनेलो दोबारा सोचने पर मजबूत होंगे कि उन्होंने गलत फैसला लिया जिसने न केवल हरियाणा के लोगों को प्रभावित किया, बल्कि परिवार को भी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि मैं अब भी कह रहा हूं कि उन्हें (ओमप्रकाश चौटाला) दोबारा सोचना चाहिए, वह हमारे बड़े हैं, हम उनकी इज्जत करते हैं। मेरा हमेशा मानना है कि परिवार में बंटवारे से किसी का भला नहीं होता, इससे केवल नुकसान होता है।’’