वायु प्रदूषण उत्तर भारत में जीवन प्रत्याशा में नौ साल की कमी कर सकता है : अध्ययन

By भाषा | Published: September 1, 2021 12:54 PM2021-09-01T12:54:08+5:302021-09-01T12:54:08+5:30

Air pollution can reduce life expectancy by nine years in North India: Study | वायु प्रदूषण उत्तर भारत में जीवन प्रत्याशा में नौ साल की कमी कर सकता है : अध्ययन

वायु प्रदूषण उत्तर भारत में जीवन प्रत्याशा में नौ साल की कमी कर सकता है : अध्ययन

भारत के वायु प्रदूषण के स्तर में समय के साथ भौगोलिक रूप से विस्तार हुआ है और महाराष्ट्र तथा मध्य प्रदेश में यह स्तर इतना बढ़ गया है कि औसतन एक व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा में 2.5 से 2.9 वर्ष तक की अतिरिक्त गिरावट आ रही है। एक नयी रिपोर्ट में प्रदूषण के परिणाम को लेकर आगाह किया गया है। शिकागो विश्वविद्यालय के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक (एक्यूएलआई) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है, जहां 48 करोड़ से अधिक लोग या देश की लगभग 40 प्रतिशत आबादी उत्तर में गंगा के मैदानी क्षेत्रों में रहती है, जहां प्रदूषण का स्तर नियमित रूप से दुनिया में कहीं और पाए जाने वाले स्तर से अधिक है। विश्वविद्यालय के ‘एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट’ के अध्ययन से पता चलता है कि अगर कोई व्यक्ति स्वच्छ हवा में सांस लेता है तो वह कितने समय तक जीवित रह सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि 2019 का प्रदूषण स्तर बना रहता है तो उत्तर भारत के निवासी जीवन प्रत्याशा के नौ साल से अधिक खोने की राह पर हैं क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया में वायु प्रदूषण के सबसे चरम स्तर का सामना करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 में भारत का औसत ‘पार्टिकुलेट मैटर कंसंट्रेशन’ (हवा में प्रदूषणकारी सूक्ष्म कण की मौजूदगी) 70.3 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था, जो दुनिया में सबसे अधिक और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर के दिशानिर्देश से सात गुना ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत के वायु प्रदूषण के उच्च स्तर का समय के साथ खतरनाक रूप से भौगोलिक तौर पर विस्तार हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘कुछ दशक पहले की तुलना में, सूक्ष्म कणों का प्रदूषण अब केवल भारत के गंगा के मैदानी क्षेत्रों की विशेषता नहीं है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों में प्रदूषण काफी बढ़ गया है। उदाहरण के लिए उन राज्यों में औसत व्यक्ति की जीवन प्रत्याशा में अब 2000 की शुरुआत के सापेक्ष अतिरिक्त 2.5 से 2.9 वर्ष की गिरावट आई है।’’ बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान के लिए, एक्यूएलआई के आंकड़ों से पता चलता है कि अगर डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रदूषण कम किया जाता है तो औसतन व्यक्ति 5.6 साल अधिक जीवित रहेगा। बांग्लादेश, भारत, नेपाल और पाकिस्तान की जनसंख्या वैश्विक आबादी का लगभग एक चौथाई हिस्सा है और यह लगातार दुनिया के शीर्ष पांच सबसे प्रदूषित देशों में शुमार है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल अवशेष जलाने, ईंट भट्ठों और अन्य औद्योगिक गतिविधियों ने भी इस क्षेत्र में प्रदूषणकारी सूक्ष्म कणों को बढ़ाने में योगदान दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है ऐसे सूक्ष्म कण से होने वाला प्रदूषण मानव स्वास्थ्य के लिए दुनिया का सबसे बड़ा खतरा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Air pollution can reduce life expectancy by nine years in North India: Study

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे

टॅग्स :University of Chicago