नयी दिल्ली, छह नवंबर दिल्ली सरकार ने दिवाली के त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता खराब होने पर वायु प्रदूषण में प्रमुख योगदानकर्ता, धूल के निस्तारण के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने के वास्ते शनिवार को 114 पानी के टैंकर तैनात किए।
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरी झंडी दिखाकर इन टैंकरों को रवाना करते हुए इसे लोगों की मदद के लिये “आपातकालीन उपाय” करार दिया।
राय ने संवाददाताओं को बताया, “पिछले महीने, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्ययोजना शुरू की थी जिसे समूची दिल्ली में लागू किया जा रहा है। दिल्ली के लोगों के साथ मिलकर हम शहर में वायु प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों-चाहे वह धूल हो, वाहन या जैव ईंधन- पर लगाम लगाने के लिये अभियान चला रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि दिवाली पर पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने के साथ शहर में पटाखों के इस्तेमाल से वायु प्रदूषण बढ़ गया।
आम आदमी पार्टी (आप) के नेता ने कहा, “आज भी, पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं। कल, लगभग 3,500 घटनाएं दर्ज की गईं और आज, यह 4,000 से अधिक है। यह सब दिल्ली की हवा को प्रभावित कर रहा है। एक आपातकालीन उपाय के रूप में और लोगों की मदद के लिए, हम टैंकरों से पानी छिड़क रहे हैं, हमने स्मॉग गन भी लगा रखी है।”
राय ने शुक्रवार को लोगों द्वारा पटाखों पर प्रतिबंध की अवहेलना करने के लिए भारतीय जनता पार्टी को दोषी ठहराया, आरोप लगाया कि भाजपा ने उन्हें जानबूझकर पटाखे फोड़ने को कहा, क्योंकि शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) दिवाली की रात को ‘गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया और अगले दिन शुक्रवार दोपहर को 462 तक पहुंच गया।
दिल्ली में वर्ष 2020 में दिवाली के अगले दिन 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 435 था जबकि 2019 में 368, 2018 में 390, 2017 में 403 और 2016 में 445 रहा था। इस साल दिवाली के दिन एक्यूआई 382 दर्ज किया गया जोकि वर्ष 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 रहा था।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।