हैदराबाद: ज्ञानवापी सर्वेक्षण मामले के फैसले पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने गुरुवार को कहा कि कोर्ट का आदेश पूजा स्थल अधिनियम 1991 का घोर उल्लंघन है। यह बाबरी मस्जिद शीर्षक विवाद में दिए गए सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार को इन लोगों के खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए क्योंकि 1991 का अधिनियम स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी व्यक्ति जो 15 अगस्त 1947 को धार्मिक स्थलों की प्रकृति को बदलने की कोशिश करता है। अगर अदालतें उन्हें दोषी पाती हैं, तो उन्हें 3 साल की कैद हो सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि यह एक खुला उल्लंघन है और मुझे उम्मीद है कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और मस्जिद कमेटी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। मैंने एक बाबरी मस्जिद खो दी है और मैं दूसरी मस्जिद नहीं खोना चाहता।
वहीं, यूपी के मदरसों में राष्ट्रगान अनिवार्य किए जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ और बीजेपी को मुझे देशभक्ति का सर्टिफिकेट देने की जरूरत नहीं है। जब देश का स्वतंत्रता संग्राम लड़ा जा रहा था तब संघ परिवार नहीं था। अंग्रेजों के खिलाफ खड़े थे ये मदरसे।
अपनी बात को जारी रखते हुए एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि 15 अगस्त और 26 जनवरी को सभी मदरसे देशभक्ति की बात करते हैं। मदरसों में देश प्रेम सिखाया जाता है। आप उन्हें शक की निगाह से देखते हैं, इसलिए ऐसा कानून बना रहे हैं।