सुशांत सिंह राजपूत मामले में AIIMS ने CBI को सौंपी विसरा रिपोर्ट, जानें केस से जुड़ी 10 अहम बातें
By अनुराग आनंद | Published: September 29, 2020 02:58 PM2020-09-29T14:58:20+5:302020-09-29T14:58:20+5:30
एम्स के डॉक्टरों का एक पैनल सुशांत सिंह राजपूत के पोस्टमार्टम और विसरा रिपोर्ट का पुनर्मूल्यांकन कर रहा था, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह हत्या थी या आत्महत्या।
नई दिल्ली:सुशांत सिंह राजपूत मामले में AIIMS ने इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसी सीबीआई को विसरा रिपोर्ट सौंप दी है। सूत्रों के अनुसार सीबीआईएम्स की रिपोर्ट का विश्लेषण करने में भी जुट गई है। साथ ही सीबीआई इस रिपोर्ट को अपने पिछले 40 दिनों की जांच के नतीजों से भी मिलान करेगी।
बता दें कि डॉक्टर सुधीर गुप्ता की अध्यक्षता में एम्स का ये विशेष पैनल सीबीआई की मांग पर बनाया गया था। न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार डॉ. सुधीर गुप्ता ने बताया, 'एम्स और सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में एक सहमति पर पहुंचे हैं लेकिन और विमर्श की जरूरत है।
आइए जानते हैं सुशांत सिंह राजपूत के विसरा रिपोर्ट से जुड़ी 10 अहम बातें-
1. मिल रही जानकारी के अनुसार, इस मामले में AIIMS की रिपोर्ट "निर्णायक" साबित हो सकती है। हालांकि, सीबीआई इस पूरे रिपोर्ट को ध्यान से पढ़ने के बाद ही अंतिम निर्णय पर पहुंचेगी।
2. इस मामले में डॉक्टरों की टीम का नेतृत्व करने वाले डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने कहा कि एम्स और सीबीआई सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए मिल कर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुशांत के विसरा जांच का रिपोर्ट आ गया है, लेकिन इस रिपोर्ट को लेकर कानूनी तौर पर किसी नतीजे पर पहुंचने के लिए कुछ और कानूनी पहलुओं पर ध्यान देने की अभी जरूरत है।'
3. डॉक्टरों की टीम को अपनी जांच में सुशांत के बॉडी में किसी तरह का जहर नहीं मिला है। साथ ही उनका डीएनए सेंपल भी मैच हो गया है।
4. बता दें कि सुशांत सिंह राजपूत के परिवार के वकील विकास सिंह ने पहले दावा किया था कि अभिनेता की मौत का कारण 200% गला घोंटना था। विकास सिंह ने कहा था कि AIIMS टीम का हिस्सा रहे डॉक्टर ने मुझे बहुत पहले ही बता दिया था कि मेरे द्वारा भेजी गई तस्वीरों को देख इस बात का 200% संकेत मिलता है कि यह गला घोंट कर मौत है न कि आत्महत्या।
5. इंडिया टुडे की मानें तो डॉ सुधीर गुप्ता ने इन दावों को "गलत" करार दिया है। विकास सिंह के दावों पर जवाब देते हुए डॉ सुधीर गुप्ता ने बताया कि जांच अभी भी चल रही है। लेकिन, वकील का दावा पूरी तरह से सही नहीं है। हम केवल निशान और अपराध के दृश्य के आधार पर हत्या या आत्महत्या पर निष्कर्ष नहीं निकाल सकते। जो भी है साफ हो जाएगा जांच अभी भी जारी है।
6. इस मामले में सुशांत सिंह राजपूत के पिता के वकील के बयान के बाद रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानेशिंदे ने बयान के जवाब में मामले की जांच के लिए एक नया मेडिकल बोर्ड बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों पर दबाव डाला जा रहा है। मानेशिंदे ने कहा कि डॉ गुप्ता की अगुवाई वाली टीम में एम्स के एक डॉक्टर द्वारा 200% की गला घोंटने की आशंका महज तस्वीरों के आधार पर जांच से पहले जाहिर करना, एक खतरनाक प्रवृत्ति है।
7. सुशांत सिंह राजपूत को 14 जून को उनके मुंबई स्थित घर पर मृत पाए जाने के बाद, मुंबई पुलिस की शुरुआती जांच में आत्महत्या को मौत का कारण बताया गया था। सुशांत सिंह राजपूत की ऑटोप्सी रिपोर्ट में भी मौत के कारण के रूप में फांसी की वजह से सांस नहीं ले पाने को बताया गया था।
8. सीबीआई की अब तक की जांच में ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है, जो किसी तरह से सुशांत मामले में किसी दूसरे पहलू की ओर ले जाता हो। इसलिए, सीबीआई आगे की जांच के लिए एम्स की रिपोर्ट पर बहुत अधिक निर्भर करेगी। सुशांत की मौत के मामले की जांच के लिए गठित सीबीआई की विशेष जांच टीम (एसआईटी) जांच की दिशा तय करने के लिए एम्स के डॉक्टरों के साथ लगातार संपर्क में थी।
9. सुशांत सिंह राजपूत की कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर उनके मरने के ठीक बाद प्रसारित हुईं। तस्वीरों में एक हरे रंग का कुर्ता और एक बेल्ट प्रमुखता से देखा गया था। इसको लेकर मुंबई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अभिनेता ने हरे रंग के कुर्ते की मदद से खुद को फांसी लगा ली थी। लेकिन, सोशल मीडिया पर कुछ लोग आशंका व अनुमान लगा रहे थे कि बेल्ट की मदद से गला घोंट दिया गया था और फिर कुर्ता का उपयोग करके लटका दिया गया था। हालांकि, इस एंगल को भी ध्यान में रखकर सीबीआई ने जांच की है। लेकिन, मिल रही जानकारी के मुताबिक , कुछ खास हाथ नहीं लगा है।
10. इसमें कोई दो राय नहीं कि कुछ जांच अभी होने हैं। एम्स की फॉरेंसिक टीम ने कूपर हॉस्पिटल की ऑटोप्सी रिपोर्ट पर भी कुछ सवाल उठाए हैं। टीम के अनुसार सुशांत की बॉडी का पोस्टमॉर्टम किया गया वहां उतनी रोशनी नहीं थी जितनी होनी चाहिए। अगर ये रिपोर्ट सही होती है तो ऐसे में सीबीआई आईपीसी की धारा 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के ऐंगल से ही अपनी जांच को आगे बढ़ाएगी। हालांकि, इस बात पर किसी भी तरह की अभी तक आधिकारिक मुहर नहीं लगी है। ऐसे में जब तक आधिकारिक मुहर नहीं लगती कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।