AIIMS fire Update: अस्पताल में सभी सेवाएं बहाल, वार्ड में वापस भेजे गए मरीज
By भाषा | Published: August 19, 2019 05:42 AM2019-08-19T05:42:34+5:302019-08-19T05:42:34+5:30
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परिसर में आग लगने की घटना के एक दिन बाद रविवार को अस्पताल ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर जिन मरीजों को बाहर निकाला गया था उन्हें फिर से उनके संबंधित वार्ड में वापस भेज दिया गया।
नयी दिल्ली, 18 अगस्त: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) परिसर में आग लगने की घटना के एक दिन बाद रविवार को अस्पताल ने पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया। अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि एहतियात के तौर पर जिन मरीजों को बाहर निकाला गया था उन्हें फिर से उनके संबंधित वार्ड में वापस भेज दिया गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने रविवार सुबह एम्स में हालात का जायजा लिया और अस्पताल प्रशासन को व्यापक स्तर पर विशेष फायर ऑडिट करने का निर्देश दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी अस्पताल के प्रभावित हिस्से में जाकर हालात का जायजा लिया और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य की जानकारी भी ली। जेटली इस प्रतिष्ठित अस्पताल में कार्डियो-न्यूरो सेंटर के आईसीयू में भर्ती हैं। जेटली जहां भर्ती हैं वह जगह एम्स परिसर के अलग भवन में स्थित है। जेटली को नौ अगस्त को भर्ती किया गया था और उन्हें जीवनरक्षक प्रणाली पर रखा गया है। कई प्रमुख नेता बीते कई दिनों से अस्पताल आकर उनके स्वास्थ्य का हाल जान रहे हैं।
एम्स प्रशासन ने आग लगने के कारणों का पता लगाने और बचाव उपायों को और मजबूत करने के लिये आंतरिक जांच शुरू की है। अस्पताल के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शनिवार शाम करीब पांच बजे आग लग गयी और इमारत से निकलते धुएं का गुबार देख दहशत का माहौल पैदा हो गया, जिसके कारण आपात सेवाएं प्रभावित हुईं। अधिकारियों के अनुसार एहतियात के तौर पर 32 मरीजों को वहां से निकाला गया।
सूत्र ने बताया कि आग में सर्जरी, यूरोलॉजी, त्वचा विज्ञान विभाग, माइक्रोबायोलॉजी और हड्डी रोग विभाग के दफ्तर जलकर खाक हो गये और शोध के कई आंकड़े, नमूने एवं पांडुलिपियां नष्ट हो गयीं। वर्धन ने कहा, ‘‘एम्स में शनिवार को आग लगने की घटना के बाद मैंने हालात का जायजा लिया। आग से अस्पताल क्षेत्र प्रभावित नहीं हुआ है और इसमें कोई हताहत भी नहीं हुआ है। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने अस्पताल के एबी विंग के मरीजों को इसके अन्य हिस्सों में भेज दिया था।’’ उन्होंने बताया कि मरीजों को अब एबी विंग में उनके संबंधित वार्ड में वापस भेज दिया गया है। आपात विभाग और आपात प्रयोगशालाएं समेत पूरे अस्पताल में अब पूर्ण रूप से कामकाज चल रहा है।
एम्स की ओर से जारी बयान के अनुसार मरीजों की चिकित्सा सेवा की समीक्षा के लिये एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने सभी विभाग प्रमुखों और प्रशासनिक कर्मियों के साथ बैठक की। इसके अनुसार आग से पीसी टीचिंग ब्लॉक में प्रभावित हुईं सेवाएं बहाल करने के लिये एक समिति का गठन किया गया है। बयान के अनुसार यह फैसला किया गया है कि ओपीडी और आपात सेवा सामान्य रूप से चलेगी। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में भी कामकाज होंगे और तय समय पर ही ऑपरेशन होंगे।
दिल्ली दमकल सेवा के अधिकारियों के अनुसार इस भवन का निर्माण 1983 से पहले उस वक्त हुआ था जब निर्माण के नियम लागू हो गये थे। उन्होंने बताया कि भवन में आग से बचाव के उपकरण मौजूद थे। उन्होंने बताया कि एम्स में आग से बचाव के उपाय किये गये हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस बीच एम्स के एमबीबीएस-2019 के दाखिले के लिये काउंसलिंग के शुरूआती राउंड का समय बदलकर इसे 20 से 21 अगस्त के बजाय 26 और 27 अगस्त कर दिया गया है।
एम्स की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, ‘‘एमबीबीएस, 2019 के लिये काउंसलिंग के ओपन राउंड में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों और उनके अभिभावकों की बड़ी संख्या और मौजूदा स्थिति को देखते हुए उचित इंतजाम और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये संबंधित प्राधिकारी ने इसके समय को पुनर्निर्धारित करने का फैसला किया है। यानी अब यह 20 और 21 अगस्त के बजाय 26 और 27 अगस्त को किया जायेगा।’’
सूत्रों ने बताया कि शनिवार को छुट्टी का दिन होने के बावजूद सभी डॉक्टरों ने शाम छह बजे से लगातार काम किया और यह सुनिश्चित किया कि मरीजों को परेशानी नहीं हो। यहां तक कि रविवार को भी हर डॉक्टर वहां मौजूद थे। के लिये नियमित रोकथाम प्रणाली है। दमकल कर्मी नियमित रूप से 24 घंटे वहां तैनात रहते हैं और आग के दौरान बाहर निकलने तथा गलियारों में बचाव प्रणालियों की जांच करते रहते हैं। समय-समय पर कर्मचारियों को आग से बचाव की जानकारी भी दी जाती है।’’
पुलिस ने बताया कि वे दमकल विभाग और फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं जिससे आग के कारण का पता चल पायेगा। इस संबंध में आईपीसी की धारा 285 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ आग या दहनशील पदार्थ के संबंध में लापरवाही का मामला दर्ज किया गया है।