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बिहार के सियासत में एआई तकनीक से लड़ा जाने लगा है चुनावी जंग, विपक्ष ऑनलाइन दिखाई दे रहा है ज्यादा आक्रामक

By एस पी सिन्हा | Updated: September 22, 2025 15:06 IST

Bihar Assembly elections 2025: उधर, राजद नेता तेजस्वी यादव के समर्थकों ने भी युवाओं पर केंद्रित एक मज़बूत डिजिटल मौजूदगी बनाई है।

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Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों के द्वारा जमीनी स्तर पर तैयारी शुरू की जा चुकी है। इसको लेकर चुनावी जंग सोशल प्लेटफार्म पर यह तेज हो गई है। ऐसे में कहा जाने लगा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) तकनीक का धमाल आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बखूबी दिखेगा। इसे लेकर लगभग सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। अभी से वार रूम को विकसित करने की योजना बन रही है।

दर्जनों सोशल मीडिया पेजों का पूरा नेटवर्क राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर हमला करने, पक्ष में माहौल बनाने और युवाओं को संगठित करने के लिए दिन रात लगा हुआ है। फेसबुक पर एआई वीडियोज की भरमार देखने को मिल रही है। इसका ताजा उदाहरण अभी पिछले दिनों सामने आया, जिसमें पीएम मोदी की मां को लेकर कांग्रेस ने एआई के माध्यम से हमला बोला।

जानकारों की मानें तो मेटा प्लेटफ़ॉर्म यानी फेसबुक पर 30 से ज़्यादा सेरोगेट या अनौपचारिक पेज एआई-जनरेटेड वीडियो, रील और पोस्ट बना रहे हैं। ऑनलाइन कैंपेन अक्सर व्यक्तिगत हमलों और खुलेआम गालियों से भरे होते हैं। विपक्ष ऑनलाइन ज्यादा आक्रामक दिखाई दे रहा है, जहां 18 सेरोगेट पेजों पर नीतीश सरकार को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि राजद और कांग्रेस के कैंपेन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

‘वॉयस ऑफ बिहार राहुल गांधी’ पेज, जिसके करीब 70,000 फ़ॉलोअर्स हैं, नियमित रूप से भाजपा पर हमला बोलता है। वहीं, भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के समर्थन में नौ सक्रिय फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज हैं, जिनके साथ 12 लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स हैं। इनके पोस्ट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन के रिकॉर्ड को दिखाते हैं, साथ ही राजद के शासनकाल के 2005 से पहले के बिहार की यादें ताज़ा करते हैं। छह लाख फॉलोअर्स वाला बिहार लाइव अक्सर सड़क, बिजली, कृषि, महिला सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक कल्याण पर नीतीश कुमार के रिकॉर्ड को दिखाता है और लालू प्रसाद यादव के दौर से इसकी तुलना करता है।

न्यूज़ पोर्टल जैसा दिखने वाला पेज, बोल बिहार बोल, ‘डबल इंजन’ सरकार को मजबूत और स्थिर बताकर विपक्ष को कमज़ोर बताता है। एनडीए के समर्थन में कई पेज भी ’25 में भी नीतीश’ कैंपेन लाइन के साथ चल रहे हैं, जिनमें एक समर्पित पेज भी शामिल है जिसके 4 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उधर, राजद नेता तेजस्वी यादव के समर्थकों ने भी युवाओं पर केंद्रित एक मज़बूत डिजिटल मौजूदगी बनाई है।

युवा बिहार, राजद सरकार, तेजस्वी आएगा 2025 और राजद रील्स समेत एक दर्जन से ज़्यादा इंस्टाग्राम पेजों के कुल मिलाकर 14 लाख से ज़्यादा फ़ॉलोअर्स हैं। इनके कंटेंट में अक्सर तेजस्वी को प्रभावशाली लोगों के साथ सहयोग करते और डांस रील्स में नज़र आते हुए दिखाया जाता है, जिससे उन्हें एक यूथ आइकन के रूप में पेश किया जाता है।

चुनाव में डिजिटल वॉर रूम इन सेरोगेट पेजों का दायरा इस बात पर ज़ोर देता है कि बिहार के चुनाव अब सिर्फ़ सड़कों, रैलियों या टीवी डिबेट तक सीमित नहीं रह गए हैं। ये चुनाव रील दर रील, शेयर दर शेयर और फ़ॉलोअर दर फ़ॉलोअर लड़े जा रहे हैं। इसमें एनडीए और विपक्ष, दोनों ही सोशल मीडिया इकोसिस्टम को अपने प्रॉक्सी वॉर रूम में बदल रहे हैं।

इसमें यह चर्चा भी हो रही है कि दिन-प्रतिदिन राजनीतिक पार्टियों के विचारों को एआइ के अलग-अलग सेक्शन का उपयोग कर कैसे आम लोगों तक पहुंचाया जाए। किस तरह और क्या किया जाये जिससे आम मतदाता का रुझान राजनीतिक दल की तरफ हो जाये? ऐसे में वार रूम सुसज्जित किये जा रहे हैं। इनको संभालने के लिए कुछ राजनीतिक दलों ने बेहतर प्रोफेशनल की तैनाती की है। वहीं कुछ राजनीतिक दल अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव तक इस एआई तकनीक का उपयोग केवल मुख्यालय ही नहीं, बल्कि फील्ड तक भी करने की योजनाओं पर राजनीतिक दल काम कर रहे हैं।

दरअसल, साइबर क्रांति और बदलते तकनीकी परिवेश से सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक दलों की क्रिया-प्रतिक्रिया अब चंद मिनटों में मिलने लगी है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं विधान पार्षद नीरज कुमार कहते हैं कि एआई तकनीक ने एक तरफ तो रिस्पांस टाइम कर दिया है, वहीं इसके उपयोग में बौद्धिक क्षेत्र यानी विषयगत क्षेत्र की मूलभूत जानकारी का अभाव दिखता है। राजनीतिक प्रतिक्रिया तो आ जाती है, लेकिन इसके पीछे की पूरी बातें अस्पष्ट रह जाती हैं।

कम जानकारी के अभाव में समाज का वातावरण भी प्रदूषित कर रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू  एआई या नयी तकनीक का सकारात्मक इस्तेमाल करेगा, बेजा इस्तेमाल नहीं करेगा। हम जन सरोकार से जुड़ी चीजों को ठीक कर मानव विकास सूचकांक को बेहतर बनाने में एआई का इस्तेमाल करेंगे। जबकि राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि हमारी पार्टी जनता को सच्चाई से अवगत करा रही है कि जो सरकार कह रही है, वह सच्चाई नहीं है। हम जनता को स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं। जबकि भाजपा प्रवक्ता अरविंद कुमार सिंह ने कहा कि जनता को पुराने दिनों की यादें ताजी कराना आवश्यक है ताकि वह समझ सकें कि एनडीए के शासनकाल से पहले की क्या स्थिति थी।

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