अगुवानी-सुल्तानगंज पुलः परबत्ता से जदयू विधायक कुमार ने खोली सरकार की पोल, कहा-सबसे बड़े जिम्मेवार अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हैं, जो दोषी है, जांच करेगा तो...
By एस पी सिन्हा | Published: June 5, 2023 05:24 PM2023-06-05T17:24:01+5:302023-06-05T17:25:08+5:30
Aguwani-Sultanganj bridge: पुल गिरने के लिए सबसे बड़े जिम्मेवार बिहार के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हैं। जो दोषी है, वहीं जांच करेगा तो क्या हकीकत सामने आयेगी?
पटनाः बिहार में खगड़िया और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे पुल के धाराशाई होने को लेकर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया है। ऐसे में अब खगड़िया के परबत्ता से सत्तारूढ़ दल जदयू के विधायक डॉ संजीव कुमार ने सरकारी जांच के आदेश की पोल खोल दी है।
विधायक ने कहा कि पुल गिरने के लिए सबसे बड़े जिम्मेवार बिहार के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत हैं। जो दोषी है, वहीं जांच करेगा तो क्या हकीकत सामने आयेगी? डॉ संजीव कुमार ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकार मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराये और प्रत्यय अमृत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराए।
विधायक ने कहा कि अधिकारियों ने अपना काम सही तरीके से नहीं किया। उन्होंने कहा पुल के स्ट्रक्चर को लेकर हमने पहले भी अंदेशा जाहिर किया था। तेजस्वी यादव से मिलकर हमने बात कही थी। तेजस्वी यादव ने आश्वासन दिया था। सदन में मामले को उठाया था। पहले से ही पुल टूटा था, जिसकी जांच कराई जा रही थी।
लेकिन जांच रिपोर्ट नहीं आई है। वही प्रधान सचिव ने इस मामले को गंभीरता नहीं लिया। डॉ संजीव कुमार ने इस हादसे के लिए सीधे-सीधे संवेदक और पदाधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जिस पीलर को लेकर मैंने अंदेशा जाहिर किया था, वहीं पीलर गिर गया।
डॉ संजीव कुमार ने कहा कि ये साफ दिखाता है कि इस मामले में प्रत्यय अमृत खुद शामिल हैं। अब अगर सरकार उन्हें ही जांच का जिम्मा दे रही है तो इससे बडा मजाक क्या हो सकता है? जो खुद मुजरिम है, वही जांच करेगा तो रिपोर्ट क्या आयेगी? सरकार इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज से कराये। तभी सच्चाई सामने आ पायेगी।
ये पता चल पायेगा कि कौन-कौन इस मामले में संलिप्त है? ये पूरा भ्रष्टाचार का खेल है। उन्होंने कहा कि अगर जांच में किसी को बचाने का प्रयास भी किया गया तो मैं उसके खिलाफ कोर्ट में पीआईएल दाखिल करूंगा। सरकार को प्रत्यय अमृत जैसे अधिकारी को तुरंत पद से हटाना चाहिये। वे ऐसे अधिकारी हैं जो स्वास्थ्य विभाग में जाते हैं तो खुद को सबसे बड़ा डॉक्टर समझने लगते हैं।
पथ निर्माण विभाग में आते ही खुद को सिविल इंजीनियर घोषित कर देते हैं। अगर उन्हें लॉ डिपार्टमेंट का सचिव बना दिया जाये तो वे खुद को जज समझने लगेंगे। ऐसे अधिकारी के कारण ही सरकार बदनाम हुई है। उन्होंने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है। मुख्यमंत्री से मिलकर कहेंगे कि प्रत्यय अमृत पर कार्रवाई करें।